द्रोपदी ने कर्ण का अपमान किया और उसे स्वयंवर में हिस्सा नहीं लेने दिया.
Zee Rajasthan Web Team
Oct 31, 2023
कर्ण हुआ पांडवों से दूर
इस अपमान को कर्ण कभी नहीं भूला और दुर्योधन के साथ मित्रता का पालन कर युद्ध किया.
पांचाली बनी
द्रोपदी का विवाह अर्जुन से हुआ था, माता कुंती की भूलवश की गयी गलती से द्रोपदी को सभी पांडवों से विवाह के लिए कहा गया
नहीं किया मना
द्रोपदी चाहती तो इससे इनकार कर सकती थी लेकिन ऐसा नहीं और आजीवन पांचाली बनी रही और अपमान सहा.
दुर्योधन का अपमान
जब एक मायावी कुंड में दुर्योधन गिर गया तो द्रोपदी ने उसे अंधे का पुत्र कहकर अपमानित किया जिसका बदला दुर्योधन ने लिया.
चीरहरण
भरी सभा में द्रोपदी को निर्वस्त्र किया गया, द्रोपदी के अपमान का बदला पांडवों ने लिया और महाभारत युद्ध हुआ.
महाभारत के बीज बोए
द्रोपदी ने भीम से कहा कि जब तक दुशासन की छाती का खून नहीं मिलेगा तबतक मैं केश नहीं बाधूंगी, जिस कसम को भीम ने पूरा किया
अर्जुन ने लिया बदला
द्रौपदी के चीरहरण के समय कर्ण ने कहा कि जो स्त्री 5 पतियों के साथ रह सकती है उसका क्या सम्मान.
जयद्रथ को छोड़ना
वनवास के समय से ही जयद्रथ की द्रौपदी पर बुरी नजर थी, फिर भी पकड़े जाने के बाद भी द्रौपदी ने उसका वध करने के बजाया उसे सिर्फ अपमानित कर पांडवों से छुड़वा दिया था.
अभिमन्यु की हत्या
इस जयद्रथ ने ही बाद में अर्जुन पुत्र अभिमन्यु को मार डाला था ( ये जानकारी लोक मान्यताओं पर आधारित है, जिसकी ज़ी मीडिया पुष्टि नहीं करता है )