दिवाली पर ये सब्जी अनिवार्य

दिवाली पर इस सब्खाजी को खाने से घर में सुख समृद्धि बनी रहती है. और नहीं खाएं तो छछुंदर बनते हैं

कभी नहीं होता खराब

दरअसल जिमीकंद का फल जड़ से काटने के बाद फिर से उग जाता है, इस लिए इसको समृद्धि से जोड़ कर देखा जाता है.

श्रीराम की घर वापसी

कहते हैं जब श्रीराम रावण को हराकर वापस अयोध्या दिवाली पर पहुंचे थे तब कई वानर-रीछ और श्रीलंका के निवासी भी राजतिलक देखने आए थे.

दक्षिण भारत से आए मेहमान

जो अपने साथ अपने खाने पीने का सामान भी लाए थे, इन्ही में से एक था जिमीकंद

पहली बार जिमीकंद परोसा गया

जिमीकंद को श्रीराम की विजयोत्सव पर परोसा गया जिसे सभी ने पसंद किया, बस तभी से ये परंपरा चली आ रही है.

फास्फोरस का भंडार

वैसे आपको बता दें कि जिमीकंद ही एक ऐसी सब्जी है जिसमें फास्फोरस प्रचूर मात्रा में होता है.

जिमीकंद में है ताकत

जिमीकंद में एंटीऑक्सीडेंट्स और बीटा कैरोटीन होता है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है.

मौसमी सब्जी

जिमीकंद की पैदावार भी दिवाली के आसपास ही होती है, और बाजारों में इसकी रौनक दीवाली पर ज्यादा दिखती है

दक्षिण भारत में साल भर आवक

अपने कई विशेष गुणों को लिए ये सब्जी दक्षिण भारत पर बहुत आम है और पूरे साल पर बाजार में मौजूद रहती है.

डिस्क्लेमर- कुछ मिलाकर इस सब्जी को खाने से आप अगले जन्म में छछुंदर नहीं होंगे इसकी तो गारंटी नहीं है,लेकिन हां एक दिन में आपकी शरीर में कई पोष्टिक तत्व जरूर पहुंच जाएंगे, तो इस दिवाली ये सब्जी आजमाकर देखें

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