मंदिर के कपाट

कोई भी मंदिर 24 घंटे खुला नहीं रहता है

आखिर क्यों

अब आप सोच सकते हैं कि भगवान के द्वार पर समय की पाबंदी क्यों हैं

शास्त्र

लेकिन इसके पीछे हमारे शास्त्रों में बनाये गये नियम हैं.

स्वच्छता

जैसे स्नान करके ही मंदिर में प्रवेश किया जाए

मंदिर की सीढ़ियां

मंदिर में एंट्री लेते वक्त सीढ़ियों को स्पर्श कर सिर पर लगाएं

श्याम की आरती

श्याम की आरती के बाद मंदिर के कपाट को बंद कर दें.

कारण अलग-अलग

रात में मंदिर के कपाट बंद करने के कारण अलग अलग है

मूल्यवान मूर्ति

मंदिर में स्थापित मूर्तियां मूल्यवान होती हैं, जिनकी सुरक्षा जरूरी है.

विश्राम का समय

ये देवताओं के सम्मान का तरीका है, इस समय देवता विश्राम करते हैं.

अनुष्ठान

धार्मिक अनुष्ठान से पहले भी बंद होते है कपाट, ताकि साफ सफाई की जा सके.

ऊर्जा

पूजा पाठ की सकारात्मक ऊर्जा को मंदिर परिसर तक सीमित रखा जाता है

सुबह मिलती है ऊर्जा

रात के समय मंदिर की आध्यात्मिक ऊर्जा ज्यादा होती जिसे सुबह तक रोका जाता है

भक्तों को ऊर्जा रूप में प्रसाद

फिर सुबह जब भक्त दर्शन को आते हैं तो उन्हे इस ऊर्जा का लाभ ज्यादा मिलता है.

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