अभी मार्च का महीना गुजरा भी नहीं है कि राजस्थान के उदयपुर में अग्नि कांड के मामले आना शुरू हो गए हैं.
भीषण आग
हाल ही में उदयपुर शहर के बीच और शहर से जुड़ी 8 से ज्यादा पहाड़ियों में एक साथ भीषण आग लगी है.
आग लगने के केस
जैसे-जैसे तापमान बढ़ रहा है, वैसे-वैसे जंगलों में आग लगने के केस सामने आ रहे हैं. कई जगहों पर तो छोटे वन्य जीवों की तो मौत भी हो गई है.
जंगली जीव आबादी वाले क्षेत्रों में
जंगलों में लग रही आग की वजह से कई जंगली जीव आबादी वाले क्षेत्रों में नजर आ रहे हैं.
पहाड़ियों और झीलों का शहर
राजस्थान के उदयपुर को पहाड़ियों और झीलों के नाम से ही पहचाना जाता है. यहां पर शहर के आसपास ही नहीं बल्कि बीचों-बीच हिस्से में भी कई बड़ी पहाड़ियां हैं.
हर साल लगती आग
जानकारी के मुताबिक, हर साल यहां पहाड़ियों में आग लग जाती है. इनमें माछला मगरा, अंबेरी पहाड़ी, रानी रोड पहाड़ी और नीमज माता पहाड़ी शामिल है.
कैसे लगती आग
उदयपुर के जंगलों में आग लगने के दो कारण माने जाते हैं. एक गर्मी के दिनों में जब सूखे पत्ते हवा से टकराते हैं तो उनमें आग उत्पन्न होती है.
मगरा स्नान
वहीं, इन जंगलों में आग लगने की दूसरी वजह मगरा स्नान मान्यता बताई जाती है. जानकारी के अनुसार जब यहां के लोगों की मन्नत पूरी होती है तो वह पहाड़ी पर आग लगा देते हैं.
राहत बचाव कार्य
पहाड़ी पर आग लगने की सूचना के बाद जैसे ही आबादी क्षेत्र में पहुंचती है तो राहत बचाव कार्य जारी किया जाता है.
संसाधनों की कमी
हालांकि पहाड़ी के ऊपर ज्यादा संसाधन ना मिल पाने की वजह से आज जल्दी बुझती नहीं है और वह जलती रहती है.