खाने की दावत

आमतौर पर रिश्तों को मजबूत करने के लिए एक दूसरे को खाने पर बुलाने की परंपरा है

गरुड़ पुराण

लेकिन क्या आप जानते हैं इसको लेकर भी गरुड़ पुराण में कई नियम हैं.

भोजन और नरक का द्वार

आप कभी भी इन लोगों के घर जाकर खाना ना खाएं, वरना नरक का द्वार देखना पड़ सकता है.

महाभारत

महाभारत में भीष्म पितामह ने कहा था की मनुष्य जैसा खाता है वैसा हो जाता है.

यहां ना खाएं खाना

गरुड़ पुराण के आचारकांड में बारे में इन लोगों के घर खाना खाने की मनाही है.

चोर

चोरी करके पैसा कमाने वाले के घर कभी खाने पर ना जाएं.

सजा

ऐसा करने पर आप भी उसके पाप के भागीदार हो जाएंगे.

चरित्रहीन

ऐसी स्त्री जो चरित्रहीन हो उसके हाथ से कभी भोजन ना लें.

सूदखोर

जो लोग ब्याज देते या लेते हैं उनके घर पर भी भोजन ना करें.

किसी की जरूरत का फायदा उठाने वाले ऐसे लोगों के पाप आपको भी मिल सकते हैं.

बीमार

लंबे वक्त से बीमारी झेल रहे परिवार में जाकर भोजन ना करें. आप संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं

किन्नर

किन्नर से कुछ ना लें बल्कि उसे दान दें.

दान और पाप

किन्नर अच्छे-बुरे सब से दान लेते हैं, जिसका अंश भोजन में आता है.

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