6 महीने पहले अहसास

हिंदू धर्म में जन्म मृत्यु, पुनर्जन्म और मोक्ष को बहुत महत्व दिया जाता है. गरुड़ पुराण, सामुद्रिक शास्त्र, स्वप्न शास्त्र आदि पुराणों के अनुसार, व्यक्ति की मृत्यु के छह माह पहले ही चला जा सकता है.

कर्म करते हैं रक्षा

मृत्यु के आखिरी तीन दिन पहले तक सिर्फ देवता या फिर उस व्यक्ति के कर्म ही इसे टाल सकते हैं.

गरुड़ पुराण

मृत्यु के बाद क्या होता है, ये कोई नहीं जानता. हां कर्मों के आधार पर स्वर्ग या नर्क के बारे में गरुड़ पुराण में बताया गया है.

मृत्यु से पहले संकेत

गरुड़ पुराण समेत कई शास्त्रों में मृत्यु से पहले मिलने वाले संकेतों के बारे में भी बताया गया है.

मान्यता

मान्यता है कि जैसे मनुष्य को गर्भ में 9 महीने का समय लगता है, बिल्कुल वैसे ही मृत्यु से 6 महीने पहले ही कुछ संकेत मिलने लगते हैं.

पहला संकेत

सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार, व्यक्ति की हथेलियां में मौजूद रेखाएं भी मृत्यु का संकेत देती है. जब व्यक्ति की मृत्यु आने वाली होती है, तो हथेली में मौजूद रेखाएं हल्की और अस्पष्ट दिखने लगती है.

दूसरा संकेत

जब व्यक्ति की मृत्यु नजदीक आती है तो उसे अपने आसपास किसी के होने का एहसास होने लगता है. कई लोगों को अपने पूर्वज ही नजर आने लगते हैं.

तीसरा संकेत

अगर कोई व्यक्ति पूरी तरह से सेहतमंद है और फिर भी अचानक से उठते, बैठते या फिर सफर करते समय आंखों के सामने अंधेरा सा छा जाता है. ऐसा अगर बार बार हो रहा हो तो अलर्ट रहें.

चौथा संकेत

अगर किसी व्यक्ति को पानी, तेल, शीशा या फिर अपनी ही परछाई कुछ अलग दिखे तो समझ लें कि मृत्यु के कुछ ही माह शेष हैं.

पांचवां संकेत

कई लोगों को अशुभ संकेत दिखने लगते हैं. अगर व्यक्ति खुद को गधे में सवार होकर यात्रा करते देखे. अपने पूर्वज को बार बार सपने में देखें तो मृत्यु पास है.

छठा संकेत

गरुड़ पुराण मे बताया गया है कि जब व्यक्ति की मृत्यु बिल्कुल नजदीक आ जाती है, तो व्यक्ति को करीब बैठा इंसान भी नजर नहीं आता है. ऐसे समय में व्यक्ति के यम के दूत नजर आने लगते हैं.

(डिस्क्लेमर- ये लेख सामान्य जानकारी है, जिसकी ज़ी मीडिया पुष्टि नहीं करता है )

VIEW ALL

Read Next Story