गरुड़ पुराण के अनुसार जन्म और मृत्यु सत्य है. मृत्यु के बाद पाप पुण्य का हिसाब लगाया जाता है और फिर आत्मा को स्वर्ग का सुख या नरक का दुख भोगना होता है.
जो दूसरों को कष्ट देता है उसे नरक मिलता है
जो सहायता करता है उसे स्वर्ग की प्राप्ति होती है.
पापी आत्माओं को नरक में भयानक यातनाओं से गुजरना पड़ता है.
गरुड़ पुराण में हर पाप की सजा को चित्र के रुप में समझाया भी गया है.
साथ ही इन कष्टों से कैसे आत्मा को बचाने के तरीके भी बताये हैं.
गरुड़ पुराण के अनुसार इन पवित्र चीजों में से एक को मृतक के पास रख देना चाहिए.
मरते हुए व्यक्ति के मुंह में गंगा जल डालना चाहिए. ऐसा करने पर यमराज दंड नहीं देते
मृत्यु से ठीक पहले गीता का श्लोक सुनना, आत्मा को यमराज के दंड से बचा सकता है.
गरुड़ पुराण के अनुसार मरने से ठीक पहले अगर मृतक के मुंह में पवित्र तुलसी का पत्ता रखा जाए तो प्राण त्यागने में कष्ट नहीं होता है.
गरुड़ पुराण में बताया गया है कि जो भी मरते समय प्रभु का नाम लेता है उन्हे भी यमराज दंडित नहीं करते हैं.
इन बताए उपायों को करने से मृत्यु के बाद आत्मा सीधे बैकुंठ धाम पहुंच कर मोक्ष की साक्षी बनती हैं. (डिस्क्लेमर- ये लेख सामान्य जानकारी है, जिसकी ज़ी मीडिया पुष्टि नहीं करता है )