गरुड़ पुराण के अनुसार मासिक धर्म के 18 वें दिन बाद के मिलन से संतान प्राप्ति की संभावना बहुत कम होती है. (डिस्क्लेमर- ये लेख सामान्य जानकारी पर आधारित है, जिसकी जी मीडिया पुष्टि नहीं करता है )

पुत्री प्राप्ति के लिए मासिक धर्म के विषम दिन 9वां, 11वां, 13वां, 15वां और 17वां दिन बताए गए हैं.

गरुड पुराण में बताया गया है कि सम दिनों में गर्भाधान से पुत्र और विषम दिनों में गर्भाधान से पुत्री की प्राप्ति होती है

माहवारी के 7 दिनों के बाद ही महिला को शुद्ध माना जाता है. ऐसे समय में गर्भाधान का प्रयास करें.

महावारी के 5 वें दिन महिला को स्नान कर शुद्ध होना जरूरी है. इसके बाद ही पुरुष महिला के साथ एक साथ रह सकते हैं, लेकिन ये समय भी उत्तम संतान के लिए उचित नहीं है.

गरुड़ पुराण में बताया गया है कि उत्तम संतान की प्राप्ति के लिए महिला के माहवारी के दिनों में उसके संपर्क में ना रहें. इस समय स्त्री को अशुद्ध माना जाता है.

गरुड़ पुराण के अनुसार उत्तम संतान की प्राप्ति की कामना के दिन स्त्री और पुरुष दोनों का चित्त शुद्ध होना चाहिए. जैसा चित्त होगा वैसी ही संतान होगी.

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