आजकल चाय पीना किसे पसंद नहीं होता है. चाय देश के सबसे प्रिय ड्रिंक्स में से एक बन गई है.
अलग-अलग फ्लेवर की चाय
हर कोई अपने अपने हिसाब से चाय पीता है. किसी को मसालेदार चाय पसंद होती है तो किसी को अदरक वाली चाय. किसी को लेमन टी पसंद होती है तो किसी को ग्रीन टी.
तनाव में भी काफी राहत
लोगों का मानना होता है कि चाय ताजगी तो देती ही है, इसके साथ ही इससे उन्हें तनाव में भी काफी राहत मिलती है. कुछ लोग तो 1 दिन में 6-7 कप तक चाय पी जाते हैं लेकिन ऐसा करना सेहत के लिए अच्छा नहीं माना जाता है.
ब्रेस्ट समेत कई तरह के कैंसर का खतरा
हमारे देश भारत में ज्यादातर लोग कागज वाले गिलास यानी कि डिस्पोजल में चाय पीते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि इससे लोगों को ब्रेस्ट समेत कई तरह के कैंसर का खतरा रहता है.
होश उड़ा देगी खबर
अगर आप भी डिस्पोजल वाले कप में चाय पीते हैं तो यह खबर पढ़कर आपके होश उड़ने वाले हैं.
डिस्पोजल से हाइड्रोकार्बन निकलता
दिल्ली में राजीव गांधी कैंसर हॉस्पिटल में मेडिकल ऑन्कोलॉजी डिपार्टमेंट के HOD का कहना है कि प्लास्टिक या फिर डिस्पोजल वाले गिलास से हाइड्रोकार्बन निकलता है.
इम्यून सिस्टम खराब
उनका कहना है कि ज्यादातर रेस्टोरेंट्स और दुकानों में इन्हीं कप में चाय परोसी जाती है लेकिन इसमें परोसी जाने वाली गर्म चाय के चलते लोगों का इम्यून सिस्टम धीरे-धीरे खराब होने लगता है.
कैंसर के रिस्क को बढ़ावा
हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, जिस तरह से प्लास्टिक की बोतल में बहुत अधिक तक रखा हुआ पानी पीने से इंसान हाइड्रोकार्बन के संपर्क में आने लगता है. इसके शरीर में एंट्री करते ही कैंसर के रिस्क को बढ़ावा मिल जाता है.
ब्रेस्ट कैंसर का खतरा
हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि प्लास्टिक बोतल में भी डायोक्सीन केमिकल पाया जाता है, जिससे ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ सकता है.
कांच या स्टील गिलास का प्रयोग
इसके साथ ही प्लास्टिक के गिलास में जूस पीने से शरीर के अंदर कई तरह के केमिकल जाते हैं. अगर आपको भी चाय कॉफी या जूस पीने का शौक है तो आपको हमेशा कांच या स्टील से बने गिलास में ही इन्हें पीना चाहिए.
तांबे के बर्तनों का पानी
इसके साथ ही सेहतमंद रहने के लिए तांबे के बर्तनों में रखा हुआ पानी का सेवन करना चाहिए. यह कई तरह की बीमारियों के खतरे को काफी हद तक कम कर देता है.
बॉडी की स्क्रीनिंग
कैंसर का नाम सुनते ही कई लोगों की हालत खराब हो जाती है. इससे बचने के लिए सबसे पहले इंसान को हेल्दी लाइफ़स्टाइल अपनाना चाहिए और उसके साथ ही साल में एक बार बॉडी की स्क्रीनिंग जरूर करवानी चाहिए.