चाणक्य के पिता चणक ने उनका नाम कौटिल्य रखा था, चाणक्य के पिता चणक की मगध के राजा ने हत्या कर दी थी. जिसके बाद चाणक्य ने अपना नाम बदलकर विष्णुगुप्त रख लिया.
Pragati Awasthi
Sep 05, 2023
चौराहे पर लटका था पिता का सिर
बताया जाता है कि अपने पिता चणक का कटा हुआ सिर राजधानी के चौराहे से 14 वर्ष के चाणक्य ने खुद उतारा था और कपड़े में लपेटा था.
चाणक्य की प्रतिज्ञा
आचार्य चाणक्य ने खुद अपने पिता का अकेले अंतिम संस्कार किया और गंगा का जल हाथ में लेकर धनानंद के नाश की शपथ ली थी.
दुनिया की पहली यूनिवर्सिटी में स्टडी
तक्षशिला विद्यालय में अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद चाणक्य ने कौटिल्य नाम से भी विख्यात चाणक्य ने महान ग्रंथ लिखा था.
कौटिल्य ने अपनी बुद्धि का लोहा मनवाया
आचार्य चाणक्य ने अर्थशास्त्र और नीतिशास्त्र नाम के ग्रंथों की रचना खी जो दुनिया भर में मार्गदर्शक सिद्धांत के रूप में जाने जाते हैं.
धननंद का नाश
तक्षशिला में रहकर ही आचार्य चाणक्य ने सम्राट पुरु के साथ मिलकर मगथ सम्राट धननंद के साम्राज्य पर अधिकार की लड़ाई लड़ी.
चंद्रगुप्त मौर्य
धननंद के नाश के बाद आचार्य चाणक्य ने चंद्रगुप्त को मगथ का सम्राट बनाया और खुद महामंत्री बन गये.
हेलेना से करायी शादी
चाणक्य के कहने पर सिकंदर के सेनापति सेल्युकस की बेटी हेलेना से चंद्रगुप्त ने विवाह किया था, जिसकी जानकारी मेगस्थनीज ने 'इंडिका' नाम के ग्रंथ में दी है.
चाणक्य का जीवन रहस्यमयी
आचार्य चाणक्य की मृत्यु से जुड़ी कई कहानियां है. जिसमें से एक के मुताबिक हेलेना ने जहर देकर उनकी हत्या करा दी थी.
बिंदुसार का शासनकाल
दूसरी कहानी के अनुसार बिंदुसार के मंत्री सुबंधु ने राजा और आचार्य के बीच गलतफहमी पैदा की और अंत में आचार्य ने उपवास कर प्राण त्याग दिए.
जिंदा जला दिया गया ?
तीसरी कहानी के अनुसार बिंदुसार के मंत्री सुबंधु ने आचार्य चाणक्य को जिंदा जलाने की कोशिश की थी.
खुद प्राण त्यागे
हालांकि ऐतिहासिक तथ्यों के अनुसार आचार्य चाणक्य ने खुद प्राण त्यागे थे. उन जैसे कुशल राजनीतिज्ञ और प्रखर बुद्धि वाला किसी षड़यंत्र का शिकार हो ये बात हजम नहीं होती है.