नींद की देवी यानी निद्रा देवी की कृपा होने के बाद इंसान सपने में अपना भविष्य देख सकता है.
मंत्रों का जाप
कहते हैं कि नींद की देवी के मंत्रों का जाप करने से नींद अच्छी आती है. नींद की देवी की रचना सृष्टि की पहले हुई थी.
योगनिद्रा
मार्कंडेय पुराण के अनुसार, भगवान विष्णु जब योगनिद्रा में थे. उस वक्त चारों तरफ केवल जल ही जल था.
मधु-कैटभ राक्षस
इसी के चलते भगवान विष्णु की नाभि से कमल पर बैठे ब्रह्मा और विष्णु के कानों की मैल से मधु-कैटभ के राक्षस पैदा हुए.
मदद
वहीं, ब्रह्मा को देखते ही मधु और कैटभ उन्हें खाने के लिए भागने लगे. ऐसे में ब्रह्माजी ने भगवान विष्णु से मदद की प्रार्थना की.
भगवान विष्णु की आंख
भगवान विष्णु योगनिद्रा में थे तब रक्षा के लिए ब्रह्माजी ने योगमाया की स्तुति की. योगमाया भगवान विष्णु की आंख से प्रकट हुई, जिससे वह जाग गए. इसके बाद भगवान विष्णु ने राक्षसों का मार डाला.
योगमाया
योगमाया को ही निद्रा देवी यानी नींद की देवी कहा जाता है. इन्होंने ही वनवास के वक्त लक्ष्मण को भी वरदना दिया था.
नींद ना आने का वरदान
वनवास के पहली रात निद्रा देवी लक्ष्मण के सपने में आई और तब लक्ष्मण ने वरदान मांगा कि 14 साल तक उन्हें नींद ना आए.
उर्मिला
वहीं, निद्रा देवी ने लक्ष्मण की पत्नी उर्मिला ने पूरे वनवास के समय लक्ष्मण के बदले सोना स्वीकार किया.
भविष्य
कहा जाता है कि निद्रा देवी की कृपा होने से भक्त सपने में अपना भविष्य देख सकते हैं.
डिस्क्लेमर- ये लेख सामान्य जानकारी और लोगों द्वारा बताई गई कहानियों पर आधारित है, इसकी ज़ी मीडिया पुष्टि नहीं करता है.