अयोध्या में कनक मंदिर नाम से अयोध्या के उत्तरपूर्व में बना है मंदिर अनोखी कलाकृति के लिए जाना जाता है.
मान्यता यह भी है कि इस भवन से कैकयी और सीता माता का संबंध है.
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, कैकेयी ने सिता माता इस भवन को माता को मुंह दिखाई में दिया था.
यह मंदिर राजस्थान व बुंदेलखंड के सुंदर महलों के जैसा दिखता है.
इस मंदिर में तीन जोड़ी मूर्तियाँ स्थपित कि गई है, जो राम और सिता मां कि हैं.
जानकारी के अनुसार इन मूर्तियों को राजा विक्रमादित्य के द्वारा स्थापित किया गया था.
मान्यताओं के अनुसार राजा दशरथ के आग्रह करने पर शिल्पी विश्वकर्मा ने कनक भवन को अयोध्या में बनाया.
कथाओं के अनुसार द्वापर युग्य में जब श्रीकृष्ण अपनी रानी रुक्मिणी के साथ अयोध्या आए, उस वक्त कनक भवन टूट कर एक ऊंचा टीला बन गाया था.
द्वापर युग्य में श्रीकृष्ण ने अपने दिव्य दृष्टि से यह पता लगा लिया कि यहां कनक भवन स्थपित था.
जब अयोध्दया में विवाद हुआ था तो कनक भवन को भी नुकासान हुआ.
ओरछा के राजा सवाई महेन्द्र प्रताप सिंह की धर्मपत्नी महारानी वृषभानु कुंवरि ने इस वक्त कनक भवन का निर्माण करवाया था.
इस समय इस मंदिर में प्राचीन मूर्तियों के अलावा दो नए राम सीता की मूर्ती भी है.