भारत में बच्चा गोद लेने के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं. इन नियमों का पालन किए बिना बच्चा गोद लेना गैर कानूनी माना जाता है.
Zee Rajasthan Web Team
Aug 20, 2024
CARA
भारत में बच्चा गोद लेने के लिए कपल्स को CARA वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करना होगा.
ऑथोराइज्ड एडॉप्शन एजेंसीज
ऑथोराइज्ड एडॉप्शन एजेंसीज, स्टेट एडॉप्शन रिसोर्स एजेंसी या जिला बाल संरक्षण यूनिट के जरिए रजिस्टर कर सकते हैं.
लॉ
ऑथोराइज्ड एडॉप्शन एजेंसी के सामाजिक कार्यकर्ता की ओर से एक होम स्टडी की जाती है.
बच्चा गोद लेने के नियम
इसमें पड़ताल की जाती है कि एडॉप्ट करने वाले पेरेंट्स बच्चे की देख-रेख और भरण-पोषण करने में पूरी तरह सक्षम है या नहीं.
CARA पोर्टल
होम स्टडी के बाद CARA पोर्टल के जरिए कपल्स को एक बच्चे का संदर्भ दिया जाता है. इसमें बच्चे का सोशल और मेडिकल बैकग्राउंड होता है.
भारत में बच्चा गोद लेने के नियम
कपल्स को इसे स्वीकार करने के लिए 48 घंटे का समय दिया जाता है.
भारत में बच्चा गोद लेने कि क्या है प्रक्रिया
बच्चे को स्वीकार करने के बाद उसे कुछ समय के लिए पेरेंट्स के साथ देखभाल के लिए रखा जाता है.
दत्तक माता-पिता
इस अवधि में बच्चे और उसे दत्तक माता-पिता के बीच रिश्ते मजबूत होने की उम्मीद जताई जाती है. उसके बाद ही एडॉप्शन की कानूनी प्रक्रिया शुरु हो जाती है.
कोर्ट में गोद लेने की याचिका
गोद लेने वाले कपल्स को संबंधित कोर्ट में गोद लेने की याचिका दाखिल करनी होती है. कोर्ट होम स्टडी रिपोर्ट, संबंधित दस्तावेज और जरूरी कागजी कार्रवाई की समीक्षा करता है.
कोर्ट से लेनी होगी परमिशन
इसके बाद कोर्ट सुनवाई करता है, जिसमें बच्चा गोद लेने के लिए जरूरी आदेश तो पारित किया जाता है.
भारत में गोद लेने की प्रक्रिया
भारत में गोद लेने की प्रक्रिया हिंदू दत्तक और भरण पोषण अधिनियम 1956 और किशोर न्याय अधिनियम 2015 के तहत पूरी की जाती है.
बाल विकास मंत्रालय
इस प्रक्रिया की देखरेख महिला और बाल विकास मंत्रालय के अधीन केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण करता है.