हर एक बच्चे की परवरिश उसकी लाइफ को बिगाड़ने या निखारने की भूमिका निभाती है.
असर
एक बच्चे की परवरिश में हर बात का असर पड़ता है, जैसे उसे क्या कहां जा रहा है, उसके सामने कैसी बात की जा रही है आदि.
भविष्य
इन सभी बातों का असर बच्चे की भविष्य पर पड़ता है.
लाडला
ऐसे में मां-बेटे का रिश्ता बहुत खास होता है और बेटा मां का लाडला होता है.
मां
इसी वजह से मां की परवरिश, प्यार, डांटना सभी चीजे बच्चे पर असर डालती हैं.
4 बातें
ऐसे में जानिए वो बातें, जो एक मां को अपने बेटे को कभी नहीं कहनी चाहिए.
पहली बात
सबसे पहली बात है लड़के रोते नहीं हैं. बेटों के बचपन से कहा जाता है कि उनका रोना एक कमजोरी है. इस तरह की बात कहकर बेटों की भावनाओं को दबा दिया जाता है. वहीं, जब मां ये बात अपने बेटे से कहती हैं, तो वह अंदर से टूट जाता है और उसे लगने लगता है कि उसे समझने वाला कोई नहीं है.
दूसरी बात
दूसरी बात है तुम अपने भाई या बहन की तरह क्यों नहीं करते हो. अक्सर बेटे की तुलना उसके भाई या बहन से की जाती है. यदि बेटा पढ़ाई में अच्छा नहीं होता है या कोई काम नहीं कर पा रहा होता है, तो उसे कहा जाता है कि अपने भाई या बहन जैसे करों.
ये बात बेटे को दुख पहुंचाती है.
तीसरी बात
तीसरी बात है बैठे-बैठे खाता रहता है. अगर बेटा पढ़ाई खत्म करके कुछ समय सोचने समझने के लिए चाहा रहा होता है, तो उसे खूब ताने दिए जाते हैं क्योंकि लड़कों से उम्मीद की जाती है कि वह घर चलाएगा. ऐसी बातें बेटे के मन को ठेस पहुंचाती हैं.
चौथी बात
चौथी बात हैं गलती तुम्हारी ही होगी. अक्सर यही समझा जाता है कि लड़के की ही गलती होगी. फिर चाहे उसकी लड़ाई उसके दोस्त से हो या बहन से. कई बार माता-पिता बिना सच जाने ही अपने बेटे को दोषी बना देते हैं.
समझना और सुनना
ऐसे में बेटे को समझने और उसकी बात सुनने की कोशिश करें, तभी आप अपने बच्चे को एक अच्छी परवरिश दें पाएंगे.