ललित यादव पायलट के करीबी माने जाते हैं. तो भूपेंद्र यादव अमित शाह के. इन दोनों को टिकट दिलाने के पीछे इनके करीबियों का हाथ माना जाता है.
Anamika Mishra
Mar 16, 2024
चूरू लोकसभा सीट
2019 लोकसभा चुनाव में भाजपा को दिलाई थी जीत, वही इस बार टिकट कटने पर पार्टी छोड़ हाथ का किया साथ
चुरू की लोकसभा सीट के इतिहास में जाट जाति से सांसद है अधिक
किसान जाट परिवार से होने के कारण बीजेपी ने देवेंद्र झाझड़िया पर दाव लगाया है
जोधपुर लोकसभा सीट
गजेंद्र सिंह शेखावत- बीजेपी से टिकट मिलने के बावजूद क्षेत्र में पार्टी के विधायक बाबू सिंह राठौड़ उनका विरोध कर रहे थे
करण सिंह उचियारड़ा- राजस्थान कांग्रेस में महासचिव हैं. पिछली बार जोधपुर सीट पर कांग्रेस की तरफ से वैभव गहलोत ने चुनाव लड़ा था, हालांकि वे चुनाव हार गए थे
चित्तौड़गढ़ लोकसभा सीट
सीपी जोशी- बीजेपी ने यहां से मौजूदा सांसद और प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी को टिकट दिया है
उदयलाल आंजना- कांग्रेस ने पूर्व कैबिनेट मंत्री को मैदान में उतारा है. हालांकि, विधानसभा चुनाव में आंजना हार गए थे
जालोर लोकसभा सीट
वैभव गहलोत- पूर्व सीएम अशोक गहलोत के बेटे है. कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी ने इस सीट से सिर्फ वैभव का नाम ही आगे किया था.
लुंबाराम चौधरी- बीजेपी ने मौजूदा सांसद देवजी पटेल का टिकट काटकर लूंबाराम चौधरी को मैदान में उतारा है. देव जी पटेल विधानसभा चुनाव हार गए.
उदयपुर लोकसभा सीट
मन्नालाल रावत- बीजेपी ने यहां दो बार के सांसदअर्जुनलाल मीणा का टिकट काट कर मन्नालाल रावत को मैदान में उतारा है। वह आरटीओ पद पर थे
ताराचंद मीणा- यह भी सरकारी अफसर हैं. गहलोत सरकार में उदयपुर के कलेक्टर रहे हैं. DM रहते हुए मुख्यमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार भी दिया गया
बीकानेर लोकसभा सीट
अर्जुनराम मेघवाल- केंद्र में न्याय मंत्री बीकानेर में बीजेपी के मौजूदा सांसद हैं. इस बार भी बीजेपी ने उन्हें यहां फिर से टिकट दिया है.
गोविंद राम मेघवाल- गोविंद राम मेघवाल पिछली गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री थे,लेकिन 2023 के विधानसभा चुनाव में वे हार गए.
भरतपुर लोकसभा सीट
संजना जाटव को प्रियंका गांधी के संपर्क में आने के बाद तवज्जों मिलने लगी है. प्रियंका गांधी की गुडबुक में शामिल होने के बाद ही इन्हें टिकट मिला है.
राम स्वरूप कोली- इनके पुराने रसूख काम आए. पूर्व दिग्गज नेताओं ने कोली के नाम की वकालत की.