पोकरण के पीले चमचम जो मुंह में जाते ही घुल जाते हैं, कभी खाएं है क्या ?

Ansh Raj
Sep 20, 2024

परमाणु परीक्षण

परमाणु परीक्षण की जब भी बात आती है, तब राजस्थान के पोकरण का नाम सबसे पहले आता है. पोकरण ने देश ही नहीं बल्कि दुनिया से सुर्खियां बटोरी है.

स्वादिष्ट मिठाई

इसके आलावा पोकरण ने स्वादिष्ट मिठाई के रूप में अपना नाम कमाया है. पोकरण की इस मिठाई ने देश में अनोखी पहचान बनाई है.

वैज्ञानिक और सेना के जवान

पोकरण में1974 के समय परमाणु परीक्षण के दौरान आए वैज्ञानिक और सेना के जवान रेलवे स्टेशन के पास एक दुकान पर चमचम नामक मिठाई का स्वाद लेते थे.

अपने साथ भी ले जाते थे

उन्हें यह मिठाई इतनी पसंद आई कि वे इसे खुद खाते थे और डिब्बों में बंद कर अपने साथ भी ले जाते थे.

चमचम मिठाई

धीरे-धीरे, चमचम की प्रसिद्धि पूरे देश में फैल गई और पोकरण की यह मिठाई देश के विभिन्न हिस्सों में मशहूर हो गई.

सफेद रंग की होती थी मिठाई

पोकरण की चमचम मिठाई अपने अनोखे स्वाद के लिए प्रसिद्ध है, जो इस क्षेत्र की विशेष जलवायु के कारण है. इली जानकारी के मुताबिक पहले यह मिठाई सफेद रंग की होती थी.

केसर ने बढ़ाया स्वाद

मिठाई की चमक के कारण इसका नाम चमचम रखा गया.अब इसमें केसर मिलाने से इसका रंग हल्का पीला हो गया है, लेकिन इसका स्वाद अभी भी अद्वितीय है.

दीवाने थे अब्दुल कलाम

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम, भारत के राष्ट्रपति, 1974 और 1998 में हुए परमाणु परीक्षण के दौरान पोकरण आए थे। वह पोकरण की प्रसिद्ध मिठाई, चमचम, के इतने दीवाने हो गए थे कि उन्होंने इसे अपने साथ भी ले जाने का फैसला किया.

फिल्म में आया नाम

यह मिठाई इतनी प्रसिद्ध हुई कि इसे 'परमाणु स्टोरी ऑफ पोकरण' नामक फिल्म में भी दर्शाया गया है, जिससे इसकी लोकप्रियता और भी बढ़ गई.

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