परेशां है वो झूठा इश्क़ कर के, वफ़ा करने की नौबत आ गई है... फ़हमी बदायूनी के शेर

Ansh Raj
Nov 25, 2024

परेशाँ है वो झूटा इश्क़ कर के वफ़ा करने की नौबत आ गई है

काश उसका नक़ाब हिल जाता आज का होम वर्क मिल जाता

वो हम से यूँ मुआफ़ी मांगता है कि जैसे बच्चा टॉफी मांगता है

तेरे मोजें यहीं पे रह गए हैं मैं इनसे अपने दस्ताने बना लूं क्या

बेसबब उससे रूठने के लिए पहले खुद को मनाया जाता हैं

वो सिगरेट छोड़ने को कब कहेगा मैं सिगरेट छोड़ देना चाहता हूँ

दिल जब ख़ाली हो जाता है और भी भारी हो जाता है

ख़ुशी से काँप रही थीं ये उँगलियाँ इतनी डिलीट हो गया इक शख़्स सेव करने में

खूं पिला कर जो शेर पाला था उसने सर्कस में नौकरी कर ली

बस ये दिक्कत है भूलने में उसे उसके बदले में किसको याद करें

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