जब भी कोई शुभ काम किसी के घर पर होता है वो चाहे मुकेश अंबानी ही क्यों ना हो, श्रीनाथ जी की मंजूरी जरूर ली जाती है.
राजस्थान में विधानसभा चुनाव पास है ऐसे में कई राजनेता भी श्रीनाथ जी के दर्शन को पहुंच रहे हैं.
श्रीनाथजी दरअसल भगवान विष्णु के अवतार हैं. जो हवेलीनुमा घर में रहते हैं.
श्रीनाथजी मंदिर में आने वाले भक्त अपने साथ चावल लाते हैं. मान्यता है कि इन्ही चावलों में श्रीनाथजी दर्शन देते हैं.
कहा तो ये भी जाता है कि यहां प्रसाद में मिले चावल के दाने तिजोरी या धनस्थान पर रखने पर घर में कभी भी धन धान्य की कमी नहीं होती है.
श्रीनाथजी की मूर्ति अद्भुत है जो काले रंग के एक ही पत्थर से बनी है.
श्रीनाथजी के चमत्कार में मुगल काल में तब भी देखने को मिले थे जब मूर्ति पूजा के घोर विरोध औरंगजेब सभी मंदिरों को तोड़ रहा था
औरंगजेब की नजर श्रीनाथजी के मंदिर पर भी थी. लेकिन इससे पहले की वो मूर्ति तक पहुंचता. पुजारी दामोदर दास वैरागी ने इस मूर्ति को बचा लिया
पुजारी ने कई राजाओं से मूर्ति स्थापना के लिए मदद मांगी लेकिन वो औरंगजेब से डर रहे थे. ऐसे में मेवाड़ के राजा राणा सिंह सामने आए.
मेवाड़ के राजा राणा सिंह ने मंदिर का निर्माण करवाया और श्रीनाथजी की मूर्ति को विधिवत स्थापित किया गया.
अब औरंगजेब खुद मंदिर तोड़ने पहुंचा. लेकिन जैसे ही उसने मंदिर की सीढ़ियां चढ़नी शुरू की तो वो अंधा होने लगा. वो समझ चुका था कि यहां भगवान मौजूद है. अंधे औरंगजेब ने अपने कदम वापस लिए और प्रार्थना की
औरंगजेब ने श्रीनाथ जी से माफी मांगी और आखिरकार उसकी आंखे बच गयी. ये बात जब औरंगजेब की मां को पता चली तो उसने श्रीनाथजी के श्रृंगार के लिए एक बहुत कीमती हीरा भिजवाया.