इस बारे में तो आपको पता ही होगा कि हमारा देश भारत हमेशा से ही धन-धान्य और तमाम तरह की संपदाओं का देश रहा है. भारत की सरजमीं हमेशा से ही सुख समृद्धि और तमाम तरह की बेशकीमती संपदाओं से भरी रही है.
Sandhya Yadav
Jun 05, 2023
बाबर आया
हिंदुस्तान को सोने की चिड़िया कहा जाता रहा है. यहां की समृद्ध सरजमीं को देखकर ही तंगहाली से जूझ रहे शासक बाबर ने यहां पर आने का फैसला किया और यहां पर मुगल सल्तनत की स्थापना की थी.
शाही रुतबा
कई बार तो विदेशी लोग भारत में बसे मुगलों के शानो-शौकत और रुतबे को देख कर चौंक जाते थे.
सोने की चिड़िया
सोने की चिड़िया कहे जाने वाले हिंदुस्तान से कई मुगल शासकों ने सालों साल अपने खजाने भरे हैं, जिसका जिक्र आज भी इतिहास में पढ़ने को मिलता है.
खजाने से धुआं
लेकिन आपने यह भी सुना होगा कि मुगलों के खजानों से हमेशा ही धुआं निकलता था लेकिन यह धुआं कैसे निकलता था, यह किसी को नहीं पता है.
कारखाना
दरअसल मुगलों का खजाना किसी कारखाने के जैसा लगता था. यहां पर खजाने की देखभाल और रखरखाव के लिए अलग-अलग लोगों को ड्यूटी दी गई थी.
दिन-रात धुआं
हालांकि खजाने से दिन-रात धुआं कैसे निकलता था, इस बारे में हम आपको आज एक बड़ी बात बताते हैं. मुगलों के खजाने से धुआं निकलने के राज का खुलासा आईने अकबरी नामक किताब में किया गया है.
मुहरें बनती थी
जानकारी के मुताबिक, मुगलों के खजाने को खजाना नहीं बल्कि कारखाना बताया जाता था. यहां पर कई तरह के सोने-चांदी सिक्कों और मोहरों को बनाया जाता था.
धातु पिघलाते थे
सोने चांदी तांबे की सिल्ली से लेकर के मुहरें बनवाने तक के लिए यहां पर पहले धातुओं को पिघलाया जाता था. इसकी वजह से चिमनिओं से धुआं लगातार निकलता रहता था.
धातुओं की परख
आईने अकबरी के अनुसार, खजाने में सिर्फ खजाना रखा नहीं जाता था वहां पर और भी कई काम होते थे. यहां पर धातुओं की परख भी की जाती थी कि यह असली है कि नकली.
सजा मिलती थी
बता दें कि मुगल शासक अकबर के शासन में कभी भी कोई भी कीमती धातुओं को बाहर नहीं ले जा सकता था अगर कोई ऐसा करता था तो उसे सजा दी जाती थी.
भारत के लुटेरे
बता दें कि हिंदुस्तान की सरजमीं पर मुगल सल्तनत के कई शासकों ने सालों साल राज किया और यहां के खजाने को भी खूब लूटा.