जब किरोड़ी लाल मीणा ने AC कमरे से निकलकर विरोध का रास्ता चुना

Pragati Awasthi
Jul 05, 2024

बाबा का इस्तीफा

किरोड़ी लाल मीणा का इस्तीफा राजस्थान ही नहीं बल्कि पूरे देश में चर्चा की विषय है. हालांकि किरोड़ी लाल मीणा ने पहली बार इस्तीफा दिया हो ऐसा नहीं है.

पहले भी दे चुके हैं इस्तीफा

साल 2008 में किरोड़ी लाल मीणा बीजेपी की मीणा राजनीति के चमकते सितारे थे, जब ऐसा ही घटनाक्रम घटा था.

पूर्वी राजस्थान की सीटों का मसला

चुनाव का वक्त था और किरोड़ी लाल मीणा चाहते हैं थे कि पूर्व राजस्थान की 15 सीटों पर टिकट उनसे पूछकर दिए जाएं.

बीजेपी को चुनाव में दी टक्कर

लेकिन पार्टी के नेतृत्व के आगे किरोड़ी की एक नहीं चली और बाबा नेशनल पीपल्स पार्टी के साथ चुनाव में उतरें.

बीजेपी की सत्ता हाथ ने निकली

किरोड़ी का ये फैसला बीजेपी को बहुत भारी पड़ा और पूर्वी राजस्थान में पार्टी को बड़ी हार मिली और सत्ता भी हाथ से चली गयी.

धर्म पत्नी बनी मंत्री

अब किरोड़ी लाल मीणा की धर्मपत्नी गोलमा देवी नई बनी गहलोत सरकार में मंत्री बनी, लेकिन बाबा किरोड़ी कांग्रेस से दूर रहे.

बन गए आम आदमी की आवाज

अब किरोड़ी लाल मीणा ने एसी कमरों ने निकलकर सड़क पर विरोध प्रदर्शन का रास्ता चुन लिया था और आम आदमी के हक की आवाज बन गए थे.

कृषि ग्रामीण विकास मंत्री बने

इस बार जब 6 जनवरी को किरोड़ी लाल मीणा ने मंत्री पद की शपथ ली तो कहां कि मैं वनवास काट कर आया हूं, लेकिन 6 महीने में इस्तीफा दे दिया.

पीएम मोदी को बाबा हैं प्रिय

इसमें कोई दो राय नहीं है कि पीएम नरेंद्र मोदी, किरोड़ी बाबा को पसंद करते हैं और सीएम भजनलाल भी वरिष्ठ पार्टी नेता होने के नाते किरोड़ी लाल मीणा को आदर देते हैं.

मंत्री पद का मोह नहीं

मंत्री पद से इस्तीफा देकर किरोड़ी लाल मीणा ने ये साबित किया है कि वो अपनी जुबान के पक्के हैं, और मंत्री पद का कोई लालच उन्हे नहीं है.

कांग्रेस ने गिनाए इस्तीफे के कारण

हालांकि सियासी गलियारे में चर्चा है, कांग्रेस की तरफ से ये खासतौर पर कहा जा रहा है कि पार्टी में उचित सम्मान नहीं मिलना इस्तीफे की वजह रही है.

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