सेव नेचर

इन राखियों को बाद में आसानी से जैविक खाद के रूप में उपयोग किया जा सकता है. सेव नेचर के कांसेप्ट को ये राखियां सफल बना रही हैं.

Tarun Chaturevedi
Aug 23, 2023

बड़ा संदेश

सेव नेचर के साथ सेव पॉकेट का संदेश

लक्ष्य..

रक्षाबंधन तक 10 हजार राखियां तैयार करने का लक्ष्य है

स्वावलंबी

गोशाला को स्वावलंबी बनाने के लिए गाय के गोबर से राखियां बनाना 25 जुलाई से शुरू किया.

भीलवाड़ा में चल रहा ये प्रयोग

भीलवाड़ा के कोटडी कस्बे की देवनारायण गोशाला चल रहा काम

अच्छी भी सस्ती भी..

गोमय पांच राखियों का एक पैकेट 50 रुपए का है. इस लिए हर वर्ग के लोग इसे खरीद रहे हैं.

पसंद की जा रही ये राखियां

पुणे गुजारात से आ रहे राखियों के ऑर्डर. इन राखियों को बाजार में पसंद भी किया जा रहा है.

मांग बढ़ रही..

आपको बता दें कि देसी गाय के गोबर से बनी राखियों की खूब चर्चा है.गुजरात और पुणे से ऑर्डर मिल रहे हैं.

आत्मनिर्भर बनने का प्रयोग

भीलवाड़ा के कोटडी कस्बे की देवनारायण गोशाला ने आत्मनिर्भर बनने की ओर कदम बढ़ाया

इको फ्रेंडली

गोबर से स्वदेशी इको फ्रेंडली फैंसी राखियां बनाई जा रही हैं.

खास हैं गोबर से बनी की ये राखियां, होगा शुभ ही शुभ..

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