राजस्थान का ऐसा किला जहां हजारों रानियों ने ले ली थी अग्नि समाधि

Aman Singh
Sep 16, 2024

खूबसूरत कला-संस्कृति और समृद्धशाली इतिहास के चलते राजस्थान में पर्यटन भी खूब फला-फूला है.

राजस्थान में अनूठी विरासत के लिए कई विश्व स्तरीय धरोहर भी शामिल हैं.

ऐसा ही एक चित्तौड़गढ़ का किला है, जिसे साल 2013 में UNESCO वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल किया गया.

यह किला लगभग 3 किलोमीटर लंबा और तकरीबन 700 एकड़ जमीन पर फैला हुआ है.

7वीं सदी में चितौड़गढ़ किले का निर्माण करवाया गया था और एक समय यह किला मेवाड़ की राजधानी था.

इस किले को जौहर कुंड के लिए जाना जाता है. पहला जौहर रानी पद्मिनी ने 16,000 दासियों के साथ विजय स्तंभ के पास किया था.

16वीं सदी में रानी कर्णावती ने 13 हजार दासियों और रानी फुलकंवर ने हजारों दासियों के साथ जीवित अग्नि समाधी ली थी.

इस किले में लगभगे 65 ऐतिहासिक संरचनाएं हैं. जिनमें से 4 महल परिसर, 19 मुख्य मंदिर, 4 स्मारक और 22 जल निकाय हैं.

यहां 7 दर्शनीय दरवाजे और कई मंदिर हैं, किला कुछ मछली के आकार जैसे दिखाई देता है.

चितौड़गढ़ किले में बनें तालाबों से 50,000 सैनिकों के लिए 4 साल तक पानी की आपूर्ति हो सकती थी.

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