इन 3 घंटों के बीच सबसे ज्यादा काटते हैं सांप, पढ़ें और भी शॉकिंग फैक्ट्स
Sandhya Yadav
Aug 17, 2023
बारिश में सांप दिखते
आजकल मानसून में सांप देखना बेहद आम बात है, वहीं, सावन का महीना होने के चलते इसे देखना काफी शुभ माना जाता है.
सांप विषैले और विषहीन दोनों होते
सांप एक ऐसा जीव है, जो कि जहरीला और साधारण दोनों होता है. यानी कि सांप की कुछ प्रजातियां अपनी फुंफकार से ही किसी इंसान की जान तक ले सकती हैं तो वहीं ज्यादातर सांप विषैले नहीं होते हैं.
सांप देखकर हालत टाइट
सांपों का जिक्र होते ही इंसानों की सिट्टी-पिट्टी गुम होने लगती है. अगर कहीं रास्ते में सांप दिख जाए तो उनकी हालत टाइट हो जाती है. आज हम आपको सांपों से जुड़ी कुछ खास बातें बताएंगे.
दुनिया में 3500 प्रजातियां
बता दें कि दुनिया भर में 3500 से ज्यादा सांप की प्रजातियां पाई जाती हैं लेकिन इनमें केवल 600 ही विषैले होते हैं. इनमें से 200 सांपों की प्रजातियां ऐसी होती हैं, जो इंसान की जान ले सकती हैं.
भारत में कौन-कौन से सांप
वहीं अगर भारत की बात की जाए तो यहां पर करैत, रसेल वाइपर, कोबरा और अफई को छोड़कर बाकी जितने भी पाए जाते हैं, सभी विषहीन होते हैं.
जानबूझकर अपना शिकार नहीं बनाता
बाकी जीवों की तरह ही सांप की भी किसी से भी दुश्मनी नहीं होती है. सांप किसी को जानबूझकर अपना शिकार नहीं बनाता है. कई बार इंसान को अपना शिकार समझने की गलतफहमी या फिर अपनी आत्मरक्षा के चलते सांप इंसान को काट लेता है.
इंसानों ने सांपों को खूब मारा
आपको जानकर हैरानी होगी कि दुनिया में अगर जंगली जीवों में सबसे ज्यादा किसी की जान ली है तो इंसानों ने सांपों की जान ली है.
54 लाख मामले हर साल सांप काटने के
एक सर्वे के मुताबिक, दुनिया में हर साल करीब 54 लाख मामले सांप के काटने के आते हैं. इनमें से आधे मामले विषहीन सांपों के काटने के होते हैं.
हर साल इतने केस आते
जानकारी के मुताबिक, दुनिया भर में हर साल 1.25 लाख लोग सांप के काटने का शिकार होते हैं. इनमें 60,000 केसेस तो केवल भारत के ही होते हैं. इसके चलते लोग अपंग भी हो जाते हैं.
गांवों में सर्पदंश की फ़ीसदी 95%
भारत में सर्पदंश के सबसे ज्यादा मामले गांवों में देखे जाते हैं. गांवों में सर्पदंश की फ़ीसदी 95% है. 67% मामले सर्पदंश के पांव की उंगलियों में होते हैं. वह इससे मरने वालों में 30 फ़ीसदी की उम्र 3 से 17 साल के बीच होती है.
7 बजे से 8 के बीच काटते सांप
आपको जानकर हैरानी होगी कि सर्पदंश के 40% मामले शाम को 5:00 से 8:00 के बीच होते हैं. वहीं, इनमें भी 7:00 से 8:00 के बीच सबसे ज्यादा सर्पदंश के केस सामने आए हैं क्योंकि यह वह समय होता है जब इंसान और साथ दोनों ही सक्रिय अवस्था में होते हैं.
60% केस घरों के अंदर के
WHO के अनुसार, भारत में सांप काटने के 60% केस घरों के अंदर होते हैं. इनमें 99% केस करैत सांप के काटने के होते हैं.
20% केसेज में सांप काटते हुए दिखता नहीं
सांप काटने के 20% केसेज में सांप काटते हुए दिखता नहीं है. केवल दिखाई देने वाले लक्षणों के आधार पर सर्पदंश पहचाना जाता है.
सांप फाल्स बाइट भी करते
आपको जानकर हैरानी होगी कि विषैले और विषहीन दोनों तरह के सांप फाल्स बाइट भी करते हैं. इसका यह अर्थ होता है कि काटने पर अब अपना जहर नहीं छोड़ते हैं बल्कि दांत से हमला करके सामने वाले को बस धमकी देते हैं.
सांप के जहर की दवाई नहीं
पुराने समय से लोगों का कहना है कि जड़ी बूटियों से सांप का काटा हुआ ठीक हो जाता है लेकिन सच तो यह है कि आज तक की कोई भी दवा या फिर जड़ी बूटी या फिर झाड़-फूंक ऐसी बनी ही नहीं है, जिससे कि सांप का जहर मिटाया जा सके. ऐसे में सांप के जहर का एकमात्र इलाज एंटी वेनम होता है, जो कि देश भर के सरकारी अस्पतालों में मुफ्त मिलता है.