मंगल का प्रतीक

स्वास्तिक भारतीय संस्कृति और हिंदू धर्म में शुभ और मंगल का चिन्ह माना जाता है.

Pragati Awasthi
Sep 18, 2023

हिंदू धर्म

हिंदू धर्म में सनातन धर्म के अनुयायी इसको गृह द्वार पूजा गृह उपासना स्थलों पर निर्मित करते है,

स्वास्तिक का महत्व

स्वास्तिक का मध्य बिंदु शक्ति पुंज और चतुर्युग (सत्य युग,त्रेता युग, द्वापर युग और कलियुग) के काल चक्र को नियंत्रित करता माना जाता है.

सूर्य का प्रतीक

प्रसिद्ध ऋगवेद में स्वास्तिक को सूर्य का प्रतीक भी कहा गया है और चारों दिशाओं को इनकी भुजा बताया गया है.

108 गुना सकारात्मक ऊर्जा

स्वास्तिक ॐ के समान शुभ विशेष और शाक्ति शाली प्रतीक माना गया है जो सकारात्मक ऊर्जा को 108 गुना बढ़ा सकता है.

गलत स्वास्तिक बुरे परिणाम

लेकिन लोग स्वास्तिक को सही से बनाना नहीं जानते हैं, जिसके इसके शुभ परिणाम ना मिलकर अशुभ परिणाम मिलते हैं.

आम गलती

आमतौर पर स्वास्तिक को एक दूसरे से काटती हुई दो रेखाओं के माध्यम से निर्मित कर लिया जाता है लेकिन ये सही नहीं है

क्लॉक वाइस बनाएं

स्वास्तिक को हमेशा क्लाक वाइज़ बनाना चाहिए वरना ये अशुभता घर ला सकता है.

पहले बनेगा दायां भाग

सबसे पहले स्वास्तिक का दायां भाग बनाया जाता है और फिर बायां भाग बनाया जाता है.

अक्षर ग और म

आप हिंदी के अक्षर ग या म को ध्यान में रख कर स्वास्तिक का निर्माण करेंगे तो ये शुभ परिणाम देगा

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