राजस्थान में यहां है 'पक्षियों का स्वर्ग'

विश्व प्रवासी पक्षी दिवस

आज 11 मई को World Migratory Bird Day है.

पक्षियों का स्वर्ग

भारत में कई प्रजाति के पक्षी पाए जाते है, लेकिन राजस्थान में पक्षियों का स्वर्ग है.

केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान

दरअसल, भरतपुर के केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में हर साल 200 से अधिक प्रजाति के विदेशी पक्षी प्रवास पर आते है. इसलिए इसे पक्षियों का स्वर्ग कहा जाता है.

सर्दी का मौसम

बर्फीले देशों में सर्दी के मौसम में जब बर्फ पड़ती है, तब पक्षी भोजन और प्रजनन के लिए उड़कर यहां पहुंचते हैं.

विदेशी पक्षी

साइबेरिया, मंगोलिया, सेंट्रल एशिया से ज्यादा संख्या में पक्षी यहां पहुंचते हैं.

पक्षियों का बसेरा

अक्टूबर में ये पक्षी यहां आना शुरू कर देते हैं और प्रजनन काल पूरा कर फरवरी अंत से मार्च तक बच्चों के साथ उड़ान भर जाते हैं.

पक्षियों की प्रजाति

घना में बार हेडेड गीज, पिंटेल, पोचार्ड, मेलार्ड, हाइड्रोला, कॉमन क्रेन, पेलिकन, फ्लेमिंगो, कूट समेत करीब 200 प्रजाति के विदेशी पक्षी पहुंचते हैं.

प्रवासी पक्षी

केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में 350 से अधिक प्रजाति के प्रवासी पक्षियों के अलावा अन्य जीव भी पाए जाते हैं.

राजस्थान

यहां की जैव विविधता पूरे राजस्थान ही नहीं बल्कि देशभर में अनूठा स्थान रखती है.

जैव विविधता

उद्यान में 57 प्रजाति की मछलियां, 34 प्रजाति के स्तनधारी जीव, करीब 9 प्रजाति के कछुए, 80 प्रजाति की तितलियां और 14 प्रजाति के मेंढक मिलते हैं.

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