खाटू श्याम बाबा का शीश नदी में किसने बहा था?

तीर्थस्थल

आज के समय में राजस्थान की खाटू नगरी एक तीर्थस्थल बन चुकी है.

तीन बाण धारी

खाटू श्याम बाबा महाभारत काल के समय बर्बरीक हैं. ये तीन बाण धारी महाशक्तिशाली योद्धा थे.

बर्बरीक

बर्बरीक पांडव पुत्र भीम के पोते और घटोत्कच के पुत्र थे.

महाभारत युद्ध

कहा जाता है कि महाभारत युद्ध के दौरान भगवान श्री कृष्ण ने बर्बरीक से उनका सिर दान में मांगा था.

शीश दान

बर्बरीक ने बिना कुछ पूछे अपना शीश खुशी-खुशी दान कर दिया था.

कलयुग

इससे खुश होकर श्री कृष्ण ने बर्बरीक को कलयुग में अपने नाम से पूजे जाने का वरदान दिया था.

हारे का सहारा

इसके साथ ही श्री कृष्ण ने कहा था कि तुम उस भक्त का सहारा बनोगे जो हार हुआ होगा.

दूसरा वरदान

इसके अलावा ये भी वरदान दिया था कि कोई भी भक्त तुम्हारे दरबार से खाली नहीं जाएगा.

रूपवती नदी

कहते हैं कि महाभारत युद्ध खत्म होने के बाद श्री कृष्ण ने बर्बरीक की शीश रूपवती नदी में बहा दिया था.

दफन

इसके बाद बर्बरीक का शीश सीकर के खाटू गांव में धरती में दफन मिला था.

डिस्क्लेमर- ये लेख सामान्य जानकारी और लोगों द्वारा बताई गई कहानियों पर आधारित है, इसकी ज़ी मीडिया पुष्टि नहीं करता है.

VIEW ALL

Read Next Story