खाटू श्याम जी ने क्यों दिया था बलिदान?

Sneha Aggarwal
Jun 02, 2024

श्याम मंदिर

राजस्थान के सीकर जिले की खाटू नगरी में बर्बरीक को श्याम मंदिर में भगवान कृष्ण के रूप में पूजा जाता है.

बलियादेव

वहीं, खाटू श्याम जी को गुजरात में बलियादेव के रूप में पूजा जाता है.

जीत सुनिश्चित

कहते हैं कि खाटू श्याम जी यानी बर्बरीक ने अपने दादा पांडवों की जीत सुनिश्चित करने के लिए महाभारत युद्ध से पहले बलिदान दिया था.

कलियुग का देवता

बर्बरीक के बलिदान के बदले में भगवान कृष्ण ने उनको कलियुग का देवता बनाया.

साहसी और बलशाली

बर्बरीक बचपन से ही बहुत साहसी और बलशाली योद्धा थे.

दादा-दादी

खाटू श्याम जी के दादा बलशाली भीम थे और दादी मां हिडिंबा थी.

माता-पिता

खाटू श्याम जी के पिता घटोत्कच और माता मौरवी थीं.

नागकन्या

खाटू श्याम जी की माता मौरवी एक नागकन्या थीं.

हारे का सहारा

खाटू श्याम जी को हारे का सहारा भी कहा जाता है.

डिस्क्लेमर- ये लेख सामान्य जानकारी और लोगों द्वारा बताई गई कहानियों पर आधारित है, इसकी ज़ी मीडिया पुष्टि नहीं करता है.

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