साधुओं में वैष्णव, शैव और उदासीन तीन संप्रदाय होते हैं जो अखाड़े नागा की तरफ से बनाये गये हैं. इनमें पुरुष साधु नागा की पदवी वाले होते हैं और निवस्त्र ही रहते हैं.
Pragati Awasthi
Sep 29, 2023
जब कोई महिला नागा साधु बनती है तो वो ऐसा नहीं कर सकती है. महिला नागा साध्वी एक बिना सिला कपड़ा पहनती है जिसका रंग गेरुआ होता है.जिसे गंती कहते हैं
पुरुषों की तरह ही महिला नागा साधुओं का पूरा जीवन प्रभु भक्ति में जाता है. लेकिन साध्वी बनने तक का सफर बहुत कठिन होता है.
नागा साधु बनने से पहले महिला की पूरी जिंदगी को खंगाला जाता है. कि वो सच में ईश्वर को समर्पित है या नहीं.
जब एक महिला नागा साधु बन जाती है, तो फिर सारे ही साधु और साध्वियां उन्हे माता कहते हैं.
माई बाड़ा, वो अखाड़ा है जिनमें महिलाए नागा साधु होती हैं, प्रयागराज में 2013 में हुए कुम्भ में माई बाड़ा का नाम दशनाम संन्यासिनी अखाड़ा रख दिया गया था.
महिला नागा साधु बनने से पहले 6 से 12 साल तक कठिन परिश्रम करना पड़ता है. महिला नागा साधु इस दौरान पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन करती हैं.