प्रेमानंद शरण महाराज को सुनने और देखने के लिए लोग देश- विदेश से वृंदावन आ रहे हैं.
सोशल मीडिया पर भी लोग उनके प्रवचनों को खूब पसंद करते हैं. प्रेमानंद शरण जी आम इंसान के दैनिक जीवन को लेकर हमेशा प्रवचन करते हैं. लोग उनसे अपने सवाल पुछते हैं जिनका वो सरलता से जवाब देते हैं.
इंसान की आयु को कम करने वाली आदतों के बारे में पुछने पर उन्होंने जा कहा वो सभी को जानना चाहिए.
आइए जानते हैं किन आदतों से और किन आचरणों की वजह से इंसान की आयु का कम होती है. ऐसे कौन से कर्म हैं जो अशुभ फल देते हैं.
कुछ लोग आज के जमाने में लोग भगवान पर विश्वास नहीं कर रहे.वो लोग अक्सर शास्त्रों की अवहेलना करते हैं. गुरु को अपमानित करने से भी इंसान की आयु कम होती है.
आज कल की लाइफ स्टाइल में शाम के समय सोना और देर रात तक खाना खाना आम बात हो गई है. हमारे शास्त्रों में बताया गया है कि संध्याकाल में सिर्फ भगवान का भजन करना चाहिए और सूर्य रहते दिन का आखिरी भोजन कर लेना चाहिए. ऐसा करने से इंसान की आयु बढ़ती है.
नाखून चबाना, पर निंदा करना, व्यर्थ समय काटना, फालतु की चिंता करना, ठंडा भोजन करना, जूठा खाना, मासाहार का खाना इन सब आदतों से भी इंसान की आयु कम होती है.
जो व्यक्ति सनातन धर्म को मानने वाला है और शास्त्रों की बातों को नहीं मानता है उसकी भी उम्र कम होती है. जैसे ग्रहण के दिन सूर्य और चंद्रमा देखना, जो काम शास्त्रों में वर्जित है उसको करने से भी आयु कम होती है.
कभी भी किसी विकलांग, निर्बल और कुरूप का उपहास करना. अपने से कमजोर का मजाक उड़ाने वाले की आयु का नाश होता है.
कभी भी किसी कमजोर निर्बल पर अपने बल का प्रदर्शन नहीं करना चाहिए. किसी को भी कठोर शब्द नहीं बोलने चाहिए. कहा जाता है कि बाण के घाव भर सकते हैं मगर शब्द के घाव कभी नहीं भरते. जो व्यक्ति ऐसा करता है उसकी आयु का नाश होता है.