हिंदू धर्म में कमल फूल का महत्व है. कमल का फूल सभी देवी देवताओं को अर्पित किया जाता है. कमल के फूल कई तरह के होते हैं लेकिन उनमें सबसे ज्यादा चमत्कारी है ब्रह्म कमल का फूल।.
ब्रह्म कमल का फूल साल भर में एक बार उगते हैं और केवल चार से पांच घंटे के लिए खिलते हैं.
ब्रह्म कमल फूल को ब्रह्मदेव का रूप में माना जाता है. जब यह फूल खिलता है तो इस पर भगवान विष्णु की आकृति दिखाई देती है.
ज्योतिष शास्त्र में ब्रह्म कमल फूल का महत्व बताते हुए कुछ उपाय भी बताए गए हैं. इनको करने से कभी धन की कमी नहीं होती है और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद भी बना रहता है.
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान विष्णु ने भगवान शिव को 1000 ब्रह्म कमल अर्पित किए थे, जिनमें से एक फूल कम था. तब विष्णु जी ने फूल के रूप में अपनी एक आंख भगवान शिव को समर्पित कर दी थी. तभी से भोलेनाथ को कमलेश्वर और भगवान विष्णु कमल नयन का नाम पड़ा.
ऐसी मान्यता है कि शिवजी ने ब्रह्म कमल से ही जल छिड़ककर गणेशजी को जीवित कर दिया था. इसलिए इसे जीवन देने वाला फूल भी माना जाता है.
भगवान शिव को सफेद रंग का ब्रह्म कमल का फूल अति प्रिय है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, भगवान शिव को ब्रह्म कमल का फूल अर्पित करने से इसका फल तुरंत मिलता है. भगवान विष्णु ने यही फूल शिवजी को अर्पित किए थे. इस फूल को जो भी खिलते देख लेता है उसका भाग्य खुल जाता है.
ब्रह्म कमल का पौधा घर में लगाना शुभ माना जाता है. यह फूल जिस घर में खिलता है, वहां सम्पन्नता बनी रहती है. वास्तु अनुसार इसे घर के मध्य स्थान में लगाना चाहिए.
ऐसी मान्यता है कि इस फूल की पंखुड़ियों से अमृत की बूंदें टपकती हैं, जिससे घर में हमेशा अच्छा वातावरण रहता है. घर पर इसका फूल रखने से नकारात्मकता बाहर जाती है.
ब्रह्म कमल के फूल में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं. यह कैंसर, सर्दी जुकाम, काली खांसी, थकान मिटाने में काम आता है. यह शरीर में ब्लड प्यूरीफाई करता है. ब्रह्म कमल में एंटीसेप्टिक गुण भी पाए जाते हैं, जो चोटों के घाव भरने के लिए ठीक करने में मदद करता है.
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