उत्तर प्रदेश अपनी विविध और स्वादिष्ट मिठाइयों के लिए मशहूर है. बात मथुरा की पेड़े की करें या आगरा के पेठे की, या फिर लखनऊ की मक्खन मलाई की,इन सभी मिठाइयों का स्वाद दूर-दूर तक फैला है. इसी क्रम में नाम आता है खुर्जा की खुरचन का,
यूपी का खुर्जा अपने पॉटरी देश ही नहीं विदेश में भी अपनी अलग पहचान रखता है. बुलंदशहर सिरेमिक सिटी के नाम से भी जाना जाता है. यहां की क्राकरी बहुत मशहूर है. ऐसा बताते हैं कि बोन चीन के बर्तन यूपी के खुर्जा की ही देन हैं.
खुर्जा उत्तर प्रदेश के पश्चिमी भाग में बुलंदशहर जिले में दिल्ली से करीब 48 किलोमीटर दूर है. यहां से सीधे दिल्ली, मेरठ, हरिद्वार, अलीगढ, खैर, आगरा, कानपुर आदि के लिए जा सकते हैं. आइए नजर डालते हैं इसके इतिहास पर.
खुरचन का कारोबार यहां पर करीब 110 साल से भी ज्यादा पुराना है. यहां पर 1914 में शुरू हुई खुर्जा की खुरचन की दुकान पर आज भी लोगों की भीड़ देखी जा सकती है. इसका स्वाद ऐसा है कि लोगों की जुबां पर चढ़ जाता है.
साल 1914 में एक दुकानदार शिवजी ने दुकान शुरू की गई थी. उस समय बुलंदशहर और आसपास के एरिया में दूध की तादात काफी होती थी, जिसके चलते उन्होंने दूध की ही अलग सी मिठाई बनाने के बारे में सोचा.
खुरचन ताजा दूध की शुद्ध मलाई से तैयार की जाती है. दूध की मलाई को बनाकर और सुखाकर लेयरों में तैयार किया जाता है.
यहां के कारीगरों ने करीब सौ साल पहले रबड़ी से एक नई मिठाई को जन्म दिया. उन्होंने रबड़ी की कई परतों को एक, दूसरे के ऊपर जमाया और मिठाई तैयार की, जिसका स्वाद लाजवाब था. इस मिठाई को खुरचन नाम दिया गया.
धीरे-धीरे खुरचन देश भर में मशहूर हो गई. कड़ाही में खुरचन का दूध उबालते समय बहुत कम चीनी डाली जाती है. जिसके चलते ये बहुत ज्यादा मीठी नहीं होती है.
ये मिठाई खुर्जा की खास पहचान है. नोएडा, दिल्ली आदि में रहने वाले स्थानीय लोगों के रिश्तेदार भी खुरचन मंगवाना पसंद करते हैं. खुर्जा में इसकी बहुत सी दुकानें हैं. दुकानों के अलावा ये ठेले पर भी बिकती हुई मिल जाती है.
खुर्जा की करीब 35 से ज्यादा दुकानों पर खुरचन बनाई जाती है. सामान्य दिनों में एक दुकान पर करीब 20 से 30 किग्रा खुरचन की बिक्री हो जाती है. त्योहारी सीजन में इसकी डिमांड काफी बढ़ जाती है.
कंगना रनौत ने खुर्जा की खुरचन का स्वाद साल 2022 में चखा है. वह यहां पर किसी शूटिंग के सिलसिले में आईं थी. बताया जाता है कि खुर्जा की खुरचन खाकर कंगना रनौत उसके स्वाद की दीवानी हो गई.