आचार्य चाणक्य ने अपनी पुस्तक नीतिशास्त्र में जीवन को सफल बनाने के लिए कई सुझाव दिए हैं.
उन्होंने एक श्लोक के जरिए बताया है कि लोगों को रहने के लिए किन जगहों पर नहीं रहना चाहिए.
वरना इसका लोगों को नुकसान उठाना पड़ सकता है. आइए जानते हैं इन पांच जगहों के बारे में.
रोजी रोटी, व्यापार करने की स्थिति न हो वहां निवास स्थान नहीं बनाना चाहिए.
जहां लोग स्वार्थी हों, लड़ाई झगड़ा करते हों, परोपकारी न हों, उन जगहों पर घर नहीं बनाना चाहिए.
ऐसी जगह जहां पर समाज और कानून का कोई भय न हो. उन स्थानों का चुनाव रहने के लिए नहीं करना चाहिए.
जहां के लोग दान-पुण्य नहीं करते हों. क्योंकि यह एक दूसरे के सुख-दुख में साथ देने को दर्शाता है.
जिन जगहों पर लोक-लाज जैसी चीजों का डर न हो ऐसी जगह नहीं रहना चाहिए.