दिवाली को लेकर घरों में साफ-सफाई शुरू हो गई. साथ ही धनतेरस की खरीदारी भी शुरू हो गई है. धनतेरस पर लोग सोना-चांदी के साथ बर्तन और झाड़ू आदि खरीदते हैं. तो आइये जानते हैं झाड़ू क्यों खरीदते हैं?.
कार्तिक महीने की कृष्ण पक्ष के त्रयोदशी तिथि को धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है. इस साल धनतेरस 10 नवंबर को मनाया जाएगा.
मत्स्य पुराण के अनुसार, झाड़ू को मां लक्ष्मी का रूप माना गया है. ऐसी मान्यता है कि झाड़ू से घर की गंदगी के साथ ही दरिद्रता भी दूर होती है.
यही वजह है कि धनतेरस के दिन सभी घरों में नई झाड़ू लाई जाती है और उसके बाद इसका पूजन भी किया जाता है.
धनतेरस के दिन नया झाड़ू खरीदने के बाद उस पर सफेद रंग का धागा भी बांधना चाहिए. ऐसा करने से मां लक्ष्मी की कृपा घर पर बनी रहती है.
धनतेरस 10 नवंबर को दोपहर 12 बजकर 35 मिनट पर शुरू होगी और 11 नवंबर को दोपहर 01 बजकर 57 मिनट पर समाप्त होगी.
ऐसे में खरीदारी 10 नवंबर को दोपहर 12 बजकर 35 मिनट से 11 नवंबर को दोपहर 01 बजकर 57 मिनट तक रहेगा. आप 10 और 11 नवंबर दोनों दिन खरीदारी कर सकते हैं.
दिवाली और धनतेरस के दिन भूलकर भी लोहे की चीजें नहीं खरीदनी चाहिए.
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