यह औषधि बहुत प्रभावकारी है, क्योंकि यह कफ से संबंधित रेसिपायरेट्री समस्या को दूर करने में मदद करती है. इस औषधि के पाउडर को 1-3 ग्राम रोज सादा पानी के साथ लेने से इस्नोफिल्स काउंट कम होता है.
प्याज के रस का प्रयोग इस्नोफिलिया को कम करने में बहुत सहायक होता है. रोज सुबह एक चम्मच प्याज का रस, एक गिलास में पानी में मिलाकर लें. इससे इस्नोफिलिया में बहुत आराम मिलता है.
इस औषधि का काढ़ा बनाकर 1 छोटा चम्मच दिन में दो बार, तीन दिन तक पिएं. इसके सेवन से इस्नोफिलिया के साथ-साथ अस्थमा जैसी बीमारी में काफी फायदा मिलता है.
गुनगुने पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर पीने से इस्नोफिलिया का स्तर कम होता है. शहद में एंटीबायोटिक गुण पाया जाता है, जो आपके शरीर के प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है.
अदरक को पीसकर चाय में उसके रस को मिलाकर सेवन करें. कुछ दिन ऐसा करने से निश्चित रूप से आराम मिलेगा.
भाप के पानी में नीलगिरी की कुछ बूंद डालें. इस तौलिये से सिर को ढककर पानी को सूंघें. ऐसा करने से बलगम की समस्या से आराम मिलता है.
1/2 छोटा चम्मच काली मिर्च पाउडर को 1 छोटा चम्मच शहद के साथ मिलाकर, दिन में दो बार खाएं.