महाकालेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं को शीघ्र दर्शन के लिए प्रति श्रद्धालु 250 रुपये देने होते हैं. बता दें कि महाकालेश्वर मंदिर भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है. देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु इस मंदिर के दर्शन करने आते हैं. मध्यप्रदेश के उज्जैन में स्थित इस मंदिर को महाकाल मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. यह भगवान महाकालेश्वर का प्रमुख मंदिर है. इसके अलावा लोग आम लाइन में लग कर भी दर्शन कर सकते हैं.
इंदौर के खजराना गणेश मंदिर में श्रद्धालुओं से दर्शन करने के लिए 500 रुपये का शुल्क लिया जाता है. यहां भक्त 500 रुपये की रसीद कटवाने के बाद दर्शन कर सकते हैं. बता दें कि बीते दिनों मंदिर प्रबंधन समिति ने प्रसाद के लड्डू की कीमत भी बढ़ा दी थी. यह मंदिर इंदौर के आसपास के इलाकों में बहुत फेमस है. इसका मंदिर का निर्माण सन् 1735 में रानी अहिल्याबाई होल्कर ने कराया था.
यह मंदिर आंध्र प्रदेश राज्य में स्थित है. यहां आने वाले श्रद्धालुओं को शीघ्र दर्शन करने के लिए 300 रुपये खर्च करने पड़ते है. इतना ही नहीं इसके लिए लोगों को 24 घंटे पहले एडवांस बुकिंग भी करानी पड़ती है. इसके लिए लोग वेबसाइट पर जाकर 300 रुपये प्रति श्रद्धालु की दर से अपना टिकट बुक कर सकते हैं. यहां दर्शन के श्रद्धालुओं को प्रसाद का एक लड्डू मुफ्त दिया जाता है.
अक्षरधाम मंदिर देश की राजधानी दिल्ली स्थित है. इसे स्वामिनारायण अक्षरधाम मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. इसमें सभी लोगों के लिए एंट्री फ्री है लेकिन लोगों को म्यूजिकल शो को देखने के लिए टिकट खरीदनी पड़ती है. इसकी कीमत बच्चे और बड़ों के लिए अलग-अलग है. मंदिर परिसर में बनी प्रदर्शनी और म्यूजिकल वाटर शो आकर्षक का केंद्र होता है. यह मंदिर सुबह 9:30 बजे से शाम 6:00 बजे तक खुलता है.
यह मंदिर मध्य प्रदेश के दतिया जिले के भांडेर तहसील के पंडोखर गांव में स्थित है. इस मंदिर को पंडोखर धाम नाम से भी जाना जाता है. इस मंदिर के पुजारी से मिलने के लिए श्रद्धालुओं को करीब 2100 रुपये तक देने पड़ते हैं. यहां पहले अर्जी लगाई जाती है इसके बाद लोगों को पुजारी से मिलने का मौका मिलता है. वहीं, वीआईपी लोगों के लिए यह रकम और भी ज्यादा है.
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर में नई व्यवस्था लागू होने जा रही है. इसके तहत अब श्रद्धालुओं को मंदिर के गर्भ गृह के स्पर्श दर्शन के लिए 500 से 1000 रुपये का शुल्क देना पड़ सकता है. हालांकि, अभी राशि की पुष्टि नहीं हुई है पर उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही इस नियम को लागू कर दिया जाएगा. हालांकि, मंदिर के मंडलायुक्त ने इस बात का खंडन कर दिया है.