मुगल बादशाह अकबर की परिकल्पना के आधार पर बनवाया गया ये शहर लंबे समय तक मुगल साम्राज्य की राजधानी रहा था.
आगरा से 37 किलोमीटर दूर स्थित ये लाल बलुआ पत्थर से निर्मित ये एतिहासिक शहर फतेहपुर सीकरी है.
कहते है अकबर को औलाद पाने की ख्वाहिश भी यही पूरी हुई थी. ये शहर और भी कई मायनों में खास और ऐतिहासिक हो जाता है.
कहते है अकबर के बेटे सलीम के जन्म को लेकर शेख सलीम चिश्ती की ने यही पर भविष्यवाणी की थी. इसके बाद सलीम का जन्म हुआ.
इस शहर का निर्माण अकबर के बेटे जहांगीर के जन्म के समय 1569 में शुरू हुआ था.
सबसे पहले इस शहर एक खानकाह (धर्मशाला) और एक मस्जिद, जिसका नाम जामी मस्जिद था, निर्माण कराया गया. ये मस्जिद उस समय की सबसे बड़ी मस्जिद थी.
सन् 1573 में गुजरात में अकबर के सफल अभियान पर विशाल दक्षिणी द्वार पर बुलंद दरवाजा को धार्मिक परिसर में जोड़ा गया.
ASI की रिपोर्ट कहती है कि इस शहर का नाम सीकरी नामक गांव से लिया गया है. ये शहर राजधानी बनने से पहले आवास, मंदिर और बिजनेस केंद्र भी हुआ करते थे.
सन् 1610 तक सम्राट अकबर ने इसे पूरी तरह से छोड़ दिया. 1986 में फतेहपुर सीकरी को यूनेस्को विश्व विरासत स्थल का दर्जा मिला.