इक उम्र कट गई है तेरे इंतजार में ... दिल छू लेंगी फ़िराक गोरखपुरी की ये रोमांटिक शायरी

Rahul Mishra
Nov 18, 2024

शेर 1

फ़ितरत मेरी इश्क़-ओ-मोहब्बत क़िस्मत मेरी तन्हाई कहने की नौबत ही न आई हम भी किसी के हो लें आई है कुछ न पूछ क़यामत कहां कहां उफ ले गई है मुझ को मोहब्बत जहां जहां

शेर 2

एक मुद्दत से तेरी याद भी आई न हमें और हम भूल गए हों तुझे ऐसा भी नहीं तुम मुख़ातिब भी हो क़रीब भी हो तुम को देखें कि तुम से बात करें

शेर 3

हम से क्या हो सका मोहब्बत में खैर तुम ने तो बेवफ़ाई की मैं हूं दिल है तन्हाई है तुम भी होते अच्छा होता

शेर 4

गरज़ के काट दिए ज़िंदगी के दिन ऐ दोस्त वो तेरी याद में हों या तुझे भुलाने में न कोई वादा न कोई यक़ीं न कोई उमीद मगर हमें तो तेरा इंतज़ार करना था

शेर 5

अब तो उन की याद भी आती नहीं कितनी तन्हा हो गईं हैं मेरी तन्हाइयां कम से कम मौत से ऐसी मुझे उम्मीद नहीं जिंदगी तू ने तो धोखे पे दिया है धोखा

शेर 6

बहुत दिनों में मोहब्बत को ये हुआ मालूम जो तेरे हिज्र में गुज़री वो रात रात हुई जो उन मासूम आंखों ने दिए थे वो धोखे आज तक मैं खा रहा हूं

शेर 7

इक उम्र कट गई है तेरे इंतजार में ऐसे भी हैं कि कट न सकी जिन से एक रात ये माना जिंदगी है चार दिन की बहुत होते हैं यारों चार दिन भी हंसने के लिए

शेर 8

किसी का यूं तो हुआ कौन उम्र भर फिर भी ये हुस्न ओ इश्क़ तो धोखा है सब मगर फिर भी

शेर 9

मैं मुद्दतों जिया हूं किसी अपनों के बग़ैर अब तुम भी साथ छोड़ने को कह रहे हो खैर

शेर 10

तबियत अपनी घबराती है जब सुनसान रातों में हम ऐसे में तेरी यादों की चादर को तान लेते हैं

शेर 11

खो दिया तुम को तो हम पूछते फिरते हैं यही जिस की तकदीर बिगड़ जाए वो करता क्या है

शेर 12

तुझ को पाकर भी न कम हो सकी बेताबी ए दिल इतना आसान तेरे इश्क का गम था ही नहीं कोई आया न आएगा लेकिन क्या करें गर तेरा इंतजार न करें

शेर 13

तुम इसे शिकवा समझ कर किसलिए शरमा गए मुद्दतों के बाद देखा था तो आंसू आ गए

शेर 14

रोने को तो ज़िंदगी पड़ी है मेरे हमसफर कुछ तेरे सितम को याद कर भी हम मुस्कुरा लें ज़ब्त कीजे तो दिल है अँगारा और अगर रोइए तो पानी है

शेर 15

पाल ले इक रोग नादान ज़िंदगी के वास्ते सिर्फ़ सेहत के सहारे उम्र भी तो कटती नहीं मैं देर तक तुझे खुद ही न रोकता लेकिन तू जिस अदा से उठकर गई उसी का रोना है

शेर 16

कह दिया तू ने जो मासूम तो हम हैं मासूम कह दिया तू ने गुनहगार तो गुनहगार हैं हम मोहब्बत का सौदा भी नहीं दिल में तमन्ना भी नहीं लेकिन नादान-ए-मोहब्बत का भरोसा भी नहीं

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