हिंदू धर्म की पौराणिक किताबों और मान्यताओं के अनुसार पान का अत्यंत ही महत्व है.
पान का पत्ता एक माउथ फ्रेशनर होता है. इसके अंदर मौजूद औषधीय गुणों से हमारी शरीर की परेशानियां काफी हद तक दूर हो सकती हैं.
पान के पत्तों में यूजेनॉल हाई लिपिड की मात्रा बेहद कम होती है. जिसके चलते शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल को आसानी से घटाने में मदद मिलती है.
पान के पत्ते के अंदर एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटी-डायबिटीक गुण होते हैं. जिससे की शरीर का शुगर लेवल काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है.
पान के पत्तों में रहने वाले गुण गैस्ट्रिक दिक्कतों में राम बाण का काम करते हैं. जिससे की शरीर में होने वाली अपच और गैस जैसी परेशानियों से राहत मिलती है.
पान के पत्तों का काढ़ा पीने से स्ट्रेस, चिंता और डिप्रेशन की परेशानियों को काफी हद तक दूर किया जा सकता है.
पान के पत्तों में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटी-इंफ्लेमेटरी जैसे गुणों से अस्थमा, फेफड़ों में सूजन जैसी परेशानियों को दूर किया जा सकता है.
पान के पत्त्तों का काढ़ा बनाने के लिए आप पहले 1 से 2 कप पानी ले लें. इसके बाद पान के 2 पत्ते इसमें डालकर उबालें. बाद में इसे छानकर इसके अंदर शहद मिला लें.
यहां बताई गई सारी जानकारी विभिन्न स्रोतों से एकत्रित की गई है. यह केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है और इसे योग्य चिकित्सा पेशेवरों द्वारा प्रदान की गई सलाह का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए.