डियोडरेंट और परफ्यूम में एक बेसिक फर्क उनके एसेंस का है. परफ्यूम में परफ्यूम एसेंस 25 फीसदी होता है.
डियोडरेंट में परफ्यूम एसेंस मात्र केवल 1-2 फीसदी तक ही होता है जिससे डियोडरेंट की खुशबू परफ्यूम की खुशबू से कम हार्ड होती है.
परफ्यूम एसेंस ज्यादा होने के कारण परफ्यूम न केवल डियोडरेंट की अपेक्षा हार्ड होता है, बल्कि इसकी खुशबू लॉन्ग लास्टिंग होता है.
जहां डियोडरेंट की खुशबू 4 से 5 घंटे से अधिक नहीं टिकती, वहीं परफ्यूम की खुशबू करीब करीब 12 घंटे तक रूक सकती है.
परफ्यूम पसीने की बदबू को दूर करने में बहुत हद तक कारगर तो है पर पसीने पर यह बेअसर होता है.
डियोडरेंट में एक पदार्थ होता है जिसका नाम एंटी-पर्सपरेंट है. यह शरीर के पसीने को सोख लेता है और त्वचा में चिपचिपाहट नहीं आने देता है. इस तरह लंबे वक्त तक फ्रेश फील होता है.
परफ्यूम में काफी ज्याजा कॉन्संट्रेट मौजूद होता है जिससे डायरेक्ट स्किन पर इसको स्प्रे करना नुकसान पहुंचा सकता है. परफ्यूम हमेशा बालों और कपड़ों पर अप्लाई किया जा सकता है.
डियोडरेंट की बात की जाए तो इसमें कॉन्संट्रेशन की मात्रा बहुत कम रखा जाता है जिससे इसकी खुशबू स्किन पर अधिक देर तक रह पाती है.
डिस्क्लेमर: यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. zeeupuk इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.