गणेश चतुर्थी व्रत- गणेश उत्सव की शुरुआत और गणेश चतुर्थी व्रत से होती है.
ऋषि पंचमी- जाने अनजाने में हुई गलतियों की माफ़ी के लिए किया जाता है ऋषि व्रत.
बलदेव षष्ठी और महालक्ष्मी व्रत इसी दिन पड़ रहे हैं. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलराम जी का जन्मदिन मनाया जाता है.
मुक्तभरण संतान सप्तमी व्रत और ज्येष्ठा गौरी पूजन. संतान की कुशलता और उन्नति के लिए इस व्रत का काफी महत्व होता है.
ऋषिदधीचि जन्म, राधाष्टमी, स्वामी हरिदास जयन्ती, महालक्ष्मी व्रत पूर्ण. इन सभी त्योहारों का विशेष महत्त्व है.
चंद्रनवमी और दशावतार जयन्ती. यह भगवान विष्णु के सभी दस अवतारों के लिए उपवास और पूजा का दिन है.
पद्मा, जलझूलनी एकादशी (स्मार्त), तेजा दशमी, रामदेव जयंती.
वामन भगवान अवतार पर्व, पद्मा, जलझूलनी एकादशी और भुवनेश्वरी जयन्ती.
प्रदोष व्रत- भाद्रपद मास का अंतिम प्रदोष व्रत 27 सितंबर के दिन रखा जाएगा.
अनन्त चतुर्दशी, श्रीसत्यनारायण व्रत और गणपति विसर्जन के साथ गणेश उत्सव की समाप्ति होगी.
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