दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है. इस पूजा में कुछ गलतियां भूलकर भी नहीं करनी चाहिए.
गोवर्धन की पूजा परिवार के सभी लोगों को एक साथ मिलकर करनी चाहिए.
जहां से परिक्रमा शुरू की है वहीं से आपको गोवर्धन परिक्रमा समाप्त भी करनी चाहिए. ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने पर ही व्यक्ति को गोवर्धन परिक्रमा का फल मिलता है.
विवाहित लोगों को परिक्रमा हमेशा जोड़े में ही करनी चाहिए. परिक्रमा करते समय हमेशा पर्वत को अपने दाईं और ही रखें.
गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा कभी भी अधूरी नहीं छोड़े. शास्त्रों में कहा जाता है कि ऐसा करने से व्यक्ति पाप का भागीदार बनता है.
परिक्रमा करते समय किसी भी प्रकार का धूम्रपान या कोई नशीली वस्तु का सेवन नहीं करना चाहिए.
महिलाओं को पीरियड्स के दौरान गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा नहीं करनी चाहिए.
इन दिन साफ कपड़े पहनने चाहिए और परिक्रमा हमेशा नंगे पैर करें. इस दिन हल्के पीले या नारंगी रंग के कपड़े पहनें. काले रंग के कपड़े न पहनें.
अन्नकूट और गोवर्धन पूजा का आयोजन कभी भी बंद कमरे में नहीं करना चाहिए. गोवर्धन पूजा के समय गाय, पौधों, जीव जंतु आदि को भूलकर भी न सताएं और न ही कोई नुकसान पहुंचाएं.
यहां दी गई सभी जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. Zeeupuk इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.