भारत की जानी मानी नमकीन एवं स्नैक्स कंपनी हल्दीराम (Haldiram) क्या जल्द बिक सकती है. दरअसल, कंपनी की 75 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के लिए ब्लैकस्टोन के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम द्वारा बोली लगाई गई है.
इन कंसोर्टियम में अबु धाबी इनवेस्टमेंट अथॉरिटी के साथ ही सिंगापुर स्टेट फंड जीआईसी का भी नाम है. 8.5 अरब डॉलर हल्दीराम के स्नैक्स व्यवसाय की वैल्यूएशन आंकी जा रही है.
इकोनॉमिक टाइम्स ने सूत्रों के हवाले से ऐसे दावे किए हैं कि अपनी बोली इस कंसोर्टियम ने तो लगा भी दी है. देश का मशहूर ब्रांड हल्दीराम के देश बाहर भी 150 से अधिक रेस्टोरेंट खुले हैं जहां कई विदेशी फूल भी परोसे जाते हैं.
सूत्रों के मुताबिक बातचीत शुरुआती स्तर पर है. यह डील अगर लॉक हो गई तो हल्दीराम का मालिकाना हक ब्लैकस्टोन के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम के पास होगा.
ध्यान देने वाली बात है कि हल्दीराम के सीईओ कृष्ण चुटानी व ब्लैकस्टोन या फिर अबु धाबी इनवेस्टमेंट अथॉरिटी ने इस बारे में कुछ बताने से इनकार किया. सिंगापुर स्टेट फंड जीआईसी ने भी फिलहाल डील पर कुछ भी बताने से मना किया.
रायटर्स की एक रिपोर्ट में पिछले साल ही ऐसे दावे किए जा रहे थे कि टाटा ग्रुप (Tata Group) हल्दीराम को खरीदने के प्रयास में हैं तब कंपनी का बिजनेस वैल्यूएशन 10 अरब डॉलर आंकी जा रही थी.
अब कंसोर्टियम ने हल्दीराम के कारोबार को 8.5 अरब डॉलर यानी करीब 70 हजार करोड़ रुपये वैल्यूएशन दिया है जोकि टाटा ग्रुप से कम है.
रिपोर्ट के मुताबिक डील में शर्त भी है कि नागपुर और दिल्ली के बिजनेस को हल्दीराम को मर्जर करना होगा. आगे के 4 मह में मर्जर पूरा भी हो सकता है.
दिल्ली के अग्रवाल परिवार के पास हल्दीराम फूड्स इंटरनेशनल की ऑनरशिप है. वहीं, नागपुर परिवार का हल्दीराम स्नैक्स फूड पर कंट्रोल बताया जाता है.
87 साल पुराना हल्दीराम आज ऐसा लग रहा है कि बिकने को तैयार है. सिंगापुर, दुबई और अमेरिका की दिग्गज कंपनियां इसे खरीदने की होड़ में लगी हुई हैं.