वो हिन्दू नर्तकी, जिसके प्यार में पागल हुए दो मुगल बादशाह

Sumit Tiwari
May 12, 2024

मनोरंजन

मुगलकाल में राजाओं के मनोरंजन हेतु राजदरबार में नर्तकी रहती थी. जो समय-समय पर या किसी उत्सव के समय दरबार में नृत्य किया करती थी.

हिंदू नर्तकी

आज हम एक ऐसी हिंदू नर्तकी के बारें में बात कर रहे है. जिसके प्यार में दो मुगल बादशाह पागल थे.

हेरंब चतुर्वेदी

हेरंब चतुर्वेदी की किताब “दो सुल्तान, दो बादशाह और उनका प्रणय परिवेश” में इसके बारे में काफी विस्तार से लिखा गया है.

राना-ए-दिल

इस स्त्री का नाम राना-ए-दिल था. वह शाहजहां के दरबारे में नर्तकी थी. ये अपने धर्म को लेकर काफी कट्टर और धार्मिक विचारों की महिला थी.

दारा शिकोह

दारा शिकोह ने राना-ए-दिल को पहली नजर में ही देखते ही प्यार में पड़ गया था. जबकी दारा शिकोह की पहली शादी नादिरा बानू से हो चुकी थी.

प्रेम

दारा शिकोह के प्रेम को राना-ए-दिल ने काफी समय बाद स्वीकार किया. लेकिन इसके लिए दारा शिकोह के पिता शांहजहां को ये स्वीकार नहीं था.

बादशाह शाहजहां

लेकिन बाद जब दारा के पिता और बादशाह शाहजहां को लगा कि दारा का विवाह राना से कराए बगैर कुछ नहीं होगा तो उसे मनमार कर उसका निकाह कराना पड़ा.

औरंगजेब

उधर औरंगजेब को भी राना-ए-दिल से प्यार हो गया है और इसी के चलते औरंगजेब ने अपने भाई दारा शिकोह को मार दिया था.

इनकार

दारा शिकोह को मारने के बाद औरंगजेब ने राना-ए-दिल ने अपने हरम में शामिल होने के लिए कहा लेकिन राना ने साफ इनकार कर दिया.

औरंगजेब का राना को पैगाम

औरंगजेब को लगातार मना करने पर एक बार औरंगजेब राना को पैगाम भिजवाया की हमें आपके बाल बहुत पसंद है.

राना की भेंट

इसके जबाब में राना ने अगले दिन अपने सारे काले घने लंबे बाल काटकर औरंगजेब को भिजवा दिए और पत्र लिखा कि उम्मीद है कि आपको ये भेंट काफी पसंद आया होगा.

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