रेहड़ी-ठेलों से लेकर बड़े-बड़े स्वीट्स हाउस की सबसे ज्यादा बिकने वाली मिठाई जलेबी का इतिहास बहुत पुराना है.
कहा जाता है है कि जलेबी की उत्पत्ति ईरान की मिठाई जलाबिया या जुलबिया से हुई.
जलेबी का ज़िक्र सबसे पहले 10वीं शताब्दी में अरबी कुकबुक 'किताब-अल-तबीख' में मिलता है
जैन लेखक जिनासुर की किताब 'प्रियंकरनरपकथा' में भी जलेबी जैसी ही मिठाई का ज़िक्र है.
भारत में जलेबी का पहला ज़िक्र गुप्त काल में 'जल्लवा' नाम की मिठाई के रूप में मिलता है.
जलेबी को अरबी आक्रमणकारियों के साथ भारत लाया गया था. इसके नाम, बनाने के तरीके और स्वाद में कई बदलाव हो चुके हैं.
जलेबी को अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग नामों से जाना जाता है. जैसे, उत्तर भारत में जलेबी, दक्षिण भारत में जिलेबी, महाराष्ट्र में जिलबी, बंगाल में जिलपी.
जलेबी को भारत की राष्ट्रीय मिठाई माना जाता है और इस देश के हर कोने में पसंद किया जाता है.
जलेबी को सादा ही खाया जाता है, लेकिन छेना और खोया जलेबी भी काफ़ी पसंद की जाती है.
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में कृपा राम की जेलबी और आजमगढ़ में बुद्धू चाचा की चोटहिया जलेबी की तरह कई जिलों की जलेबी प्रसिद्ध हैं.
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