कचनार के फूलों का अयोध्या से है गहरा नाता

Padma Shree Shubham
Mar 22, 2024

अयोध्या के नव्य राम मंदिर

अयोध्या के भव्य-दिव्य-नव्य राम मंदिर में विराज रहे रामलला को कचनार के फूलों से बने गुलाल अर्पित किया जाएगा यानी रामलला हर्बल होली खेलेंगे.

विरासत को सम्मान विशेष

विरासत को सम्मान देने के लिए विशेष रूप से कचनार के फूलों से सीएसआईआर-एनबीआरआई के वैज्ञानिकों ने गुलाल तैयार किया है.

गोरखनाथ मंदिर में गुलाल

गोरखनाथ मंदिर, गोरखपुर में चढ़ाए फूलों से वैज्ञानिकों ने एक हर्बल गुलाल तैयार कर लिया है.

बौहिनिया प्रजाति कचनार

संस्थान द्वारा बौहिनिया प्रजाति जिसे कचनार के नाम से लोग जानते हैं उसके फूलों से रामलला के लिए हर्बल गुलाल तैयार किया गया है.

राजवृक्ष कचनार

त्रेतायुग में अयोध्या का राजवृक्ष कचनार को ही माना जाता था. आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में सुस्थापित औषधि के रूप में कचनार का प्रयोग किया जाता है.

एंटी बैक्टीरियल गुण

इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी- बैक्टीरियल, एंटी-फंगल जैसे कई गुण पाए जाते हैं.

कचनार के फूल के हर्बल गुलाल

कचनार के फूलों से लैवेंडर फ्लेवर में हर्बल गुलाल बनाया गया है. ऐसा हर्बल गुलाल मानव त्वचा के लिए एकदम सेफ है और पर्यावरण के अनुकूल भी होते हैं.

कैमिकल के चमकीले रंग

इन हर्बल गुलाल में चमकीले रंग नहीं होते क्योंकि लेड, क्रोमियम और निकल आदी कैमिकल इनमें नहीं पाए जाते हैं.

मिक्स फूलों से निकाले रंग

फूलों से निकाले रंगों को प्राकृतिक घटकों में मिक्स किया जाता है और एक पाउडर तैयार किया जाता है. त्वचा से आसानी से इसे हटाया जा सकता है.

VIEW ALL

Read Next Story