सोने की ज्वैलरी सिर्फ शादी ब्याह में नहीं बल्कि किसी भी बड़े समारोह में महिलाओं के आकर्षण का सबसे बड़ा केंद्र होती है.
सोने के गहने शादी ब्याह में दुल्हन को मिलते हैं. कुछ माता-पिता या विरासत में भी सोने की ज्वैलरी मिलती है.
आयकर कानूनों के अनुसार, आप घर में एक निश्चित मात्रा में सोना रख सकते हैं. आपको इस बात का सबूत होना चाहिए कि आपने इसे कैसे खरीदा
इंडिया में पहले गोल्ड कंट्रोल एक्ट लागू था, इसमें निश्चित मात्रा में ही गोल्ड रख सकते थे, लेकिन जून 1990 में इसे खत्म कर दिया गया था.
शादीशुदा महिला को घर में 500 ग्राम तक सोना रखने की अनुमति है. अविवाहित महिलाओं के लिए सोने की सीमा 250 ग्राम है.
परिवार के पुरुषों विवाहित या अविवाहित को केवल 100 ग्राम सोना रखने की छूट है. इससे ज्यादा पर जुर्माना
अगर घोषित आय या कर मुक्त आय (जैसे कृषि) से सोना खरीदा है या परिवार में विरासत में मिला है तो इस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा.
इनकम टैक्स छापेमारी के दौरान अफसर निर्धारित सीमा के भीतर मिले सोने के आभूषणों को जब्त नहीं कर सकते.
अगर आप 3 साल तक सोना रखने के बाद उसे बेचते हैं तो उससे होने वाले मुनाफे पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स लगेगा. इसकी दर 20 फीसदी है.
आयकर कानूनों के मुताबिक, अगर आपके पास प्रूफ हैं तो घर में सोना रखने की कोई लिमिट नहीं है.
उपहार में अगर 50 हजार रुपये तक के सोने के आभूषण मिलते हैं तो वो टैक्स के दायरे में नहीं आता
घर में नकदी रखने की कोई सीमा तय नहीं है, बस आपका कानूनी स्रोत बताना होगा. अन्यथा रकम के 137 फीसदी जुर्माने के साथ इसमें 10 साल तक जेल भी हो सकती है.
तय सीमा से ज्यादा अवैध सोना रखने पर 250 फीसदी तक जुर्माना और इसे न चुकाने पर सात साल तक की जेल संभव है.
खबर में दी गई जानकारी सामान्य सुझाव हैं और विभिन्न स्रोतों से एकत्रित किए गए हैं, ज्यादा जानकारी के लिए विशेषज्ञ से संपर्क करें. ZEE UP/UK इसकी प्रमाणिकता और सटीकता की पुष्टि नहीं करता.