श्री कृष्ण जिन्हें महाभारत काल से ही रणछोड़ कहा जाता है, उनकी मौत का रहस्य आज भी जानकर चक्रा जाते हैं लोग.
श्रीकृष्ण आज सारे भारत में भले ही पूजे जाते हों मगर महाभारत काल से उन पर यह इल्ज़ाम भी है कि वह चाहते तो महाभारत का युद्ध टाला जा सकता था.
दरअसल महाभारत युद्ध के बाद गांधारी ने अपने सामने अपना वंश खत्म होते देख श्रीकृष्ण को श्राप दिया था कि आपका वंश भी आपके सामने ही खत्म हो जाएगा.
इसके 36 वर्ष बाद श्रीकृष्ण के बेटे सांब ने ऋषि मुनियों से शरारत करने का प्रयास किया कि वह पेट से है, जिस पर क्रोधित होकर उन्होंने श्राप दिया कि तुम एक लोहे के तीर को जन्म दोगी जो तुम्हारें कुल का नाश करेगा.
इसके बाद सांब ने यह सारी घटना उग्रसेन को बताई जिसमें उन्होंने उस तीर का चूर्ण बनाकर प्रभास नदी में प्रवाहित कर दिया था.
सालों बाद श्रीकृष्ण एक पीपल के पेड़ के नीचे विश्राम कर रहें थे जहां एक शिकारी ने हिरण समझकर उन पर तीर चला दिया.
इस तीर से उनकी मौत हो गई और यह तीर उसी लोहें के चूर्ण से बना था जिसे सांब ने प्रभास में प्रवाहित किया था.