धार्मिक ग्रंथों के अनुसार कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है. धनतेरस के दिन देवी लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा की जाती है, ताकि साल भर आर्थिक संकट न हो और आर्थिक स्थिति मजबूत हो.
धनतेरस के दिन लोग सोना, चांदी, आभूषण, घर, वाहन आदि खरीदते हैं. इसके साथ ही इस दिन झाडू खरीदना भी शुभ माना जाता है.
वास्तु शास्त्र में झाड़ू से जुड़े कुछ नियमों के बारे में बताया गया है, इनका पालन करने से व्यक्ति को शुभ फलों की प्राप्ति होती है. अगर आप भी इस बार झाड़ू खरीदने की सोच रहे हैं, तो इन नियमों का खास ख्याल रखें.
मत्स्य पुराण में झाड़ू को मां लक्ष्मी का रूप माना जाता है. धनतेरस की दिन झाड़ू घर लाने से घर में मां लक्ष्मी का स्थायी निवास होता है. धनतेरस पर झाड़ू लेने से सालभर सुख- समृद्धि, धन-की प्राप्ति होती है.
धनतेरस पर झाड़ू खरीदकर लाने के बाद सबसे पहले मां लक्ष्मी की पूजा करें. उसके बाद झाड़ू पर सफेद धागा बांध दें. ऐसा करने से आपके ऊपर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है.
शास्त्रों में कहा गया है कि धनतेरस के दिन झाड़ू दोपहर के बाद और सूर्यास्त से पहले खरीद लें. रात के समय भूलकर भी झाड़ू न खरीदें. इससे अशुभ फलों की प्राप्ति होती है. धनतेरस के दिन प्रदोष काल से पहले ही झाड़ू खरीद लें.
ध्यान रखें कि कभी भी विषम संख्या में झाड़ू नहीं लानी चाहिए. झाड़ू हमेशा जोड़े में ही खरीदें, जैसे 2, 4, 6 आदि.
झाड़ू को कभी भी खड़ा करके नहीं रखें. इसे हमेशा घर में लिटाकर ही रखें. इससे सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है.
इस दिन आपको फूल झाड़ू और सींक की झाड़ू दोनों खरीदकर लानी चाहिए. ध्यान रखें कि कभी भी इन दोनों झाड़ुओं को एक साथ न रखें.
यहां दी गई सभी जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. Zeeupuk इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.