महाभारत में भी था एक 'रावण', कटने पर जुड़ जाता था अंग, कृष्ण भी उससे थे भयभीत

रावण जितना मायावी

मगध के राजा जरासंध पुत्र ता. जैसे रावण का सिर कटकर जुड़ जाता था वैसे ही जरासंध के शरीर का कोई भी हिस्सा कटने पर दोबारा जुड़ जाता था.

ऋषि का वरदान

बृहद्रथ को संतान प्राप्ति के लिए एक ऋषि ने सेब देकर पत्नी को खिलाने को कहा. उन्होंने दोनों पत्नी को आधा-आधा सेब दे दिया.

राक्षसी ने दिया नया जन्म

इससे बृहद्रथ की पत्नियों को आधा-आधा बच्चा जन्मा, जिसे उन्होंने जंगलों में फेंक दिया, जहां जरा नाम की राक्षसी ने उन्हें उठाया.

विशालकाय शरीर

ज़रा ने उन अंशों को तंत्र मंत्र से जोड़कर दिव्य शक्तियों से लैस विशालकाय बालक में बदल दिया और उसका नाम जरासंध पड़ा.

रावण जितना शक्तिशाली

राक्षसी ने जरासंध को वरदान भी दिया था कि उसके शरीर के कोई भी टुकड़े नहीं कर पाएगा. कोई ऐसा करेगा तो फिर से वो जुड़ जाएगा.

महान शिव भक्त

जरासंध महान शिव भक्त का बड़ा था और तांत्रिक क्रियाओं में लीन भी रहता था. लेकिन वो कृष्ण को सबसे बड़ा शत्रु मानता था.

चक्रवर्ती सम्राट बनने की इच्छा

जरासंध ने चक्रवर्ती सम्राट बनने के लिए 100 राजाओं को बंदी बनाया था ताकि वह उनकी बलि दे सके

कृष्ण को मारने की साजिश

जरासंध ने श्री कृष्ण को मारने के लिए 1-2 बार नहीं पूरे 18 बार साजिश रची थी पर नाकाम रहा.

कृष्ण ने बदली राजधानी

मथुरा को जरासंध के क्रोध से बचाने के लिए श्री कृष्ण मथुरा त्याग कर द्वारका में जाकर बसे थे.

कृष्ण ने किया आगाह

महाभारत युद्ध में श्री कृष्ण ने पांडवों को बताया कि जरासंध साधारण व्यक्ति नहीं है. तंत्र विद्या से जन्मी ताकत है

दो महायोद्धाओं का मल्ल युद्ध

श्री कृष्ण ने महाभारत युद्ध से पहले जरासंध को भीम से मल्लयुद्ध के लिए ललकारा.

Jarasandh को भीम ने मारा

कृष्ण ने भीम को जरासंध के शरीर के दो टुकड़े कर विपरीत दिशाओं में फेंकने को कहा, ताकि वो जुड़ न सके.

जरासंध का पुत्र बना राजा

इससे महाभारत युद्ध में पांडवों को नुकसान पहुंचाने के पहले ही जरासंध मारा गया. उसके पुत्र को श्री कृष्ण ने राजा बनाया.

डिस्क्लेमर

पौराणिक पात्रों की यह कहानी धार्मिक मान्यताओं और ग्रंथों में किए गए उल्लेख पर आधारित है. इसके एआई द्वारा काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.

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