जेवर के किसान मालामाल

जेवर के छह गांवों के बीच 3900 करोड़ रुपये से ज्यादा का मुआवजा बांटा गया. ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण ने जमीन के बदले किसानों को ये रकम दी.

नौ हजार किसानों को लाभ

जेवर एयरपोर्ट के लिए रन्हेरा, करौली बांगर, कुरैब, वीरमपुर, मुढरह और दयानतपुर गांव के करीब नौ हजार किसानों से 1181 हेक्टेयर भूमि ली गई.

तीसरे चरण का अधिग्रहण

तीसरे चरण में जेवर के इन छह गांवों की जमीन पर 3398 रुपये प्रति वर्गमीटर के हिसाब से मुआवजा दिया गया. 300 रुपये प्रति वर्ग मीटर का ब्याज भी मिलेगा.

3057 परिवारों को फायदा

जेवर एयरपोर्ट के पहले चरण में 7 गांव के 3075 किसान परिवारों को जेवर बांगर में बसाया गया. 75 लाख से 1.5 करोड़ तक का मुआवजा मिला.

पहले चरण में मिले दो करोड़

जेवर में पहले चरण में रण्हेरा, कुरैब, नगला हुकम सिंह, नगला शरीफ, मुडहर, बीरमपुर और दयानतपुर गांव की जमीन ली गई. इसमें 3400 रुपये प्रति वर्गमीटर की दर से 1.80 से दो करोड़ रुपये का मुआवजा मिला.

मुआवजा के लिए टीमें

जेवर में तहसीलदार, नायब तहसीलदार, लेखपाल, संग्रह अमीन और राजस्व निरीक्षकों की टीम के निरीक्षण में यह मुआवजा बांटा जा रहा है.

मुआवजे के लिए ये जरूर

मुआवजे के लिए किसानों से हिस्सा प्रमाणपत्र, मालिकाना हक का प्रमाणपत्र, अनापत्ति प्रमाणपत्र यानी एनओसी, शपथ पत्र, कर्जमुक्त प्रमाणपत्र, बंधक पत्र पेश करना होता है.

सबसे लंबा ग्रीनफील्ड हाईवे

NHAI जेवर के आसपास 31 किलोमीटर लंबा ग्रीनफील्ड हाईवे भी बना रहा है. जो एयरपोर्ट से ग्रेटर नोएडा के सेक्टर 65 से फरीदाबाद होते हुए दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा.

आठ बड़े रनवे होंगे

7200 एकड़ में फैला होने के साथ इसमें आठ बड़े रनवे एयरपोर्ट होंगे. सालाना 1.2 करोड़ हवाई यात्रियों की इसकी क्षमता होगी.

एशिया का सबसे बड़ा हवाई अड्डा

जेवर एयरपोर्ट पूरी तरह चालू होने के बाद भारत ही नहीं, एशिया का सबसे बड़ा हवाई अड्डा होगा. स्विट्जरलैंड के ज्यूरिख एयरपोर्ट की संचालक Flughafen Zürich AG इसकी ऑपरेटर होगी.

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